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कोरोना वायरस के चलते यह हिन्दू परंपरा हुई अधूरी, विसर्जन का इंतज़ार कर रही हैं अस्थियां

by admin

आगरा। हिंदू परंपरा में कभी ऐसा नहीं हुआ जो इस बार हो रहा है। हिंदू परंपरा के मुताबिक देहांत के बाद अंतिम संस्कार उसके बाद में अस्थियां विसर्जन और फिर त्रयोदशी संस्कार होता था। मगर इस बार ऐसा नहीं हो पा रहा है। हम बात कर रहे हैं आगरा के ताजगंज स्थित मोक्षधाम की।

कोरोना वायरस जैसी वैश्विक महामारी के चलते जहां पूरा भारत लॉक डाउन पर है तो वहीं आगरा में हालात बद से बदतर हो रहे हैं। क्षेत्र बजाजा कमेटी से जुड़े लोग बताते हैं कि लॉकडाउन के चलते शवों के अंतिम संस्कार को लेकर हिंदू परंपरा पूरी नहीं हो पा रही है। लोग शव का अंतिम संस्कार तो कर रहे हैं मगर जिला व राज्यों की सीमा सील होने और पुलिस बल तैनात होने के चलते लोग शव का अंतिम संस्कार करने के बाद घरों में ही कैद हो गए हैं। शवों के अंतिम संस्कार तो हो रहे हैं मगर अस्थियों का विसर्जन नहीं हो पा रहा है। ऐसे में ताजगंज मोक्षधाम पर बड़ी संख्या में अस्थियां रखी हुई है जो विसर्जन का इंतजार कर रही है। लोग वैश्विक महामारी के चलते इलेक्ट्रॉनिक मोक्षधाम का ज्यादा प्रयोग कर रहे हैं।

हिंदू परंपरा में कभी ऐसा नहीं हुआ जबकि परंपरा के मुताबिक पहले शव का अंतिम संस्कार होता है, उसके बाद में गंगा जी में अस्थियों का विसर्जन और फिर 13 दिन बाद त्रयोदशी संस्कार करने की परंपरा है। मगर कोरोनावायरस जैसी वैश्विक महामारी के चलते लोग अस्थियों का विसर्जन त्रयोदशी संस्कार के बाद यानी जब लॉकडाउन हटेगा तब ही कर पाएंगे।

क्षेत्र बजाजा कमेटी के पदाधिकारी कहते हैं कि अस्थियों का विसर्जन इतना जरूरी नहीं है जितना जरूरी वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से बचना है।

वैश्विक महामारी कोरोना वायरस ने पूरे भारत को अपनी चपेट में ले लिया है। जिससे ताजनगरी भी अछूती नहीं है। उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा कोरोना। वायरस के केस आगरा में ही पाए गए हैं। यही वजह है कि यहां का जिला प्रशासन एतिहात बरतने की अपील कर रहा है। ऐसे में लोगों से घरों में ही रहने की अपील की जा रही है। यही वजह है कि अब अस्थियों का विसर्जन लॉक डाउन खुलने के बाद ही संभव है।

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