प्रयागराज में माघ मेले के पांचवें स्नान पर्व यानी माघ पूर्णिमा पर श्रद्धालुओं ने संगम में पुण्य अर्जित करने के लिए डुबकी लगाई। इस पुण्य लाभ के लिए शुक्रवार रात से ही यह जनसैलाब उमड़ने लगा। वहीं मेला क्षेत्र की सड़कों पर श्रद्धालुओं की भीड़ खचाखच देखने को मिल रही है।
कहीं भंडारे तो कहीं यज्ञ अनुष्ठान किए जा रहे हैं, पूरा वातावरण भक्ति के रंग में रंगा प्रतीत होता है। भीड़ के अनुमान के मद्देनजर गंगा के दोनों तटों पर मौजूद आठों घाटों पर भक्तों के स्नान का प्रबंध किया गया है।
स्नान करने के लिए कतार बद्ध होकर श्रद्धालु घाटों पर पहुंचे। वहीं देर रात तक भक्तों का आना लगा रहा। मेला क्षेत्र में जगह-जगह थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था की गई थी लेकिन जबरदस्त भीड़ को देखते हुए कोरोना संक्रमण से बचाव के सभी उपाय मात्र दिखावा ही नजर आए। जबकि भक्तों द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग पालन के लिए भी प्रशासन लगातार कवायद कर रहा है। आठों घाटों पर फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी पर रोक लगा दी गई है।वहीं पूरे एरिया में ड्रोन कैमरे के माध्यम से निगरानी की जा रही है।देर रात आरएएफ, पीएसी, पुलिस समेत करीब चार हजार जवानों ने मेला क्षेत्र में सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालना शुरू कर दिया था।
माघ पूर्णिमा पर शनिवार को कर्क राशि पर चंद्रमा और मकर राशि में सूर्य की मौजूदगी है। ऐसे में चंद्रमा और सूर्य ग्रहों से जुड़े दोषों के निवारण के लिए शनिवार को महायोग है।माना जाता है कि इस माघ पूर्णिमा के अवसर पर भगवान विष्णु की पूजा कर संगम की रेती पर आहुति देने से भक्तों की हर तरह की मनोकामनाएं पूरी होती हैं।