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टीबी का मरीज होने पर परिवार के सदस्य व संपर्क में आने वालों की कराएं जांच – मुख्य चिकित्सा अधिकारी

by pawan sharma

आगरा। देश को 2025 तक टीबी मुक्त करने के लिए स्वास्थ्य विभाग विभिन्न पहलुओं पर काम कर रहा है। उपचार के साथ-साथ टीबी के संक्रमण को रोकने के लिए कार्य किया जा रहा है। इसी कड़ी में मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. अरुण कुमार श्रीवास्तव ने टीबी के मरीज के परिवार के सदस्यों से भी टीबी की जांच करने के लिए अपील की है। सीएमओ ने कहा कि टीबी का इलाज संभव है, बस जरूरी है कि इसका जल्द से जल्द पता लगा लिया जाए और तुरंत इसका इलाज शुरू कर दिया जाए। घर में यदि टीबी मरीज है तो निकट सम्पर्की जांच कराएं ।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि देश को टीबी मुक्त तभी किया जा सकता है, जब टीबी मरीजों को स्वस्थ होने में मदद की जाए और उसके संक्रमण को फैलने से रोका जाए। उन्होंने बताया कि हमें यह भी समझना बेहद जरूरी है कि टीबी के बैक्टीरिया हवा के जरिये संक्रमित व्यक्ति के ड्रॉपलेट्स से फैलते हैं। अगर टीबी मरीज मास्क का इस्तेमाल करता है तो उससे संक्रमण का खतरा कम हो जाता है। साथ ही तीन सप्ताह तक लगातार दवाई लेने के बाद भी वह दूसरों को संक्रमित नहीं कर सकता है। यदि आपके घर में कोई टीबी रोगी है तो उसके खाँसने से, छींकने से, थूकने से और यदि रोगी के बहुत नजदीक रहते हैं तो आपको भी टीबी की आशंका है। इसलिए बचाव का बेहद ध्यान रखें ।

टीपीटी से रुक जायेगी टीबी
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. सुखेश गुप्ता ने बताया कि अगर निकट सम्पर्की में भी जांच के दौरान टीबी मिलती है तो आपका तुरंत यथावत इलाज शुरू हो जायेगा और यदि नहीं है तो भी आपको टीबी रोकथाम की दवाई दी जायेगी जिससे आपका टीबी से बचाव हो जाएगा। यह बचाव की दवा आपको 6 महीने तक लेना होगा और इसे एक बार शुरू किया तो जैसे टीबी की दवाई नहीं छोड़ सकते उसी प्रकार इसे भी नहीं छोड़ सकते। इस प्रकार के ट्रीटमेंट को टीबी प्रिवेंटिव ट्रीटमेंट कहते हैं या फिर टीपीटी या टीबी रोकथाम इलाज। इसी क्रम में जो पांच साल या उससे कम उम्र के बच्चे हैं उनके लिए विशेषतः यह जानना आवश्यक है कि उनका भी टीपीटी यानी टीबी रोकथाम इलाज भी इसी प्रकार से होता लेकिन इस के लिए आपककी एक बार जांच हो जाए तो डॉक्टर से मिलने होगा वे ही बच्चे की आयु और वजन आदि का हिसाब लगाकर बच्चों की दवाई की मात्रा तय करते हैं।

डॉ. सुखेश गुप्ता ने बताया कि यदि आप में पहले से टीबी के लक्षण मौजूद हैं जैसे कि लगातार आपका वजन घट रहा है, भूख नहीं लग रही है, खांसी ठीक नहीं हो रही, खांसी में खून आ रहा है, सीने में दर्द रहता है, सांस लेने में परेशानी होती है, रात को पसीना आता है, बुखार रहता है, शरीर में दर्द और थकान रहती है, तो फिर आपके बलगम की जाँच होगी यदि जाँच से पता चलता है कि आपको टीबी है तो आपकी टीबी की दवाई शुरू कर दी जाएगी और यदि पता लगता है कि आपको टीबी नहीं है तो आपका टीबी रोकथाम इलाज शुरू हो जायेगा। यदि आपको कोई भी ऐसे लक्षण नहीं है तो फिर आपको चेस्ट यानी छाती का एक्स-रे करना होगा। एक्स-रे की जाँच में यदि पता चलता है कि आपको टीबी है तो फिर आपका टीबी का इलाज होगा। टीबी रोकथाम का इलाज (टीपीटी) जाँच के लिए किसी भी सरकारी अस्पताल में जा सकते या फिर घर के नजदीक हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर में जा सकते हैं। वहां फार्म आदि भरने में आपकी मदद के लिए कोई रहेगा। इलाज संबंधित किसी भी समस्या के निदान के लिए और ज्यादा जानकारी के लिए स्वास्थ्य कर्मियों से आप बात कर सकते हैं। आप प्रण करलें कि स्वयं को और घर में रहने वाले हर व्यक्ति को टीबी से बचाना है और आप को टीबी है तो उसका पूरा इलाज करना है ।

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