Agra. मोहर्रम के अवसर पर ताजगंज क्षेत्र में जुलूस के साथ ताजिए निकाले गए। यहां पर ताबूत के रूप में ताजिए रखे जाते हैं और फिर आज के ही दिन उन्हे सुपुर्द ए खाक किया जाता है। ताबूत के रूप में ताजिए निकालने कि यहां पर पुरानी परंपरा है। बताया जाता है कि लंबे वाले ताजिए और ताबूत वाले ताजियों में कोई अंतर नहीं होता है। दोनों ही ताजिये इमाम हुसैन की शहादत की याद में बनाए जाते हैं। लंबे वाले ताजिये और ताबूत वाले ताजिये में अंतर यह होता है कि ताबूत वाले ताजिए उस रूप में होते हैं जैसे किसी व्यक्ति की मिट्टी को ले जाया जाता है।
ताजगंज थाना क्षेत्र में मोहर्रम का जुलूस निकलने के दौरान पुलिस प्रशासन भी चप्पे-चप्पे पर नजर आया। एक तरफ लंबे ताजिए तो दूसरी ओर ताबूत वाले ताजिए निकाले जा रहे थे। कोई विवाद ना हो इसके लिए पुलिस प्रशासन सतर्क और चौकन्ना नजर आया।
आपको बताते चलें कि मोहर्रम के अवसर पर कई दिनों से घरों में इबादत का दौर चल रहा था। लोगों ने अपने घर पर ताजिए बनाए और फिर उसके बाद उसकी इबादत भी लगभग 10 दिनों तक जारी रही। आज सभी लोग जिन्होंने घर पर ताजिये रखे हैं वो ताजियों को सुपुर्द ए खाक करने जा रहे हैं। लोगों ने बताया कि आज ताबूत वाला जुलूस भी निकाला गया है। इस जुलूस को लेकर अपनी-अपनी मान्यता है और अक्सर विवाद भी होते रहते हैं लेकिन आज पुलिस प्रशासन चप्पे-चप्पे पर तैनात था जिसके चलते सद्भाव और शांति के साथ जुलूस निकाला गया।