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‘सब्जियाँ हुई नाराज़, आटा मार रहा है तमाचा और दाल-चावल रुला रहे हैं’

by admin

आगरा। कोरोना संक्रमण के कारण एक तरफ गरीब व मध्यम वर्ग के लोग आर्थिक तंगी से जूझ रहे है तो वहीं लगातार बढ़ती महंगाई ने जले पर नमक छिड़कने का काम किया है और सरकार का इस ओर कोई ध्यान नही है, इसके खिलाफ आंदोलन होगा और सोई हुई सरकार को जगाने के लिए हर संभव प्रयास होगा, यह कहना है अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत जिला इकाई के सदस्यों का। अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत जिला इकाई की एक बैठक सम्पन्न हुई जिसमें सभी सदस्यों ने कोरोना काल में बढती महंगाई को अंधी महंगाई कहा और अपना विरोध प्रकट किया।

अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत के जिला अध्यक्ष मुरारी लाल गोयल ने कहा कि जहां एक तरफ घर के राशन के सामान के बढ़ते दामों ने रसोई का बजट बिगाड़ रखा है, वहीं पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस के दाम बढ़ने से भी लोगों को झटका लग रहा है, उपभोक्ता को ऐसा लग रहा कि जैसे आटा उन्हें चांटा मार रहा हो, दाल चावल उपभोक्ता को रुला रहे हैं और सभी सब्जियां तो नाराज सी हो गई हैं।

ग्राहक पंचायत ब्रज क्षेत्र के उपाध्यक्ष डॉ. अशोक अग्रवाल ने कहा कि कोरोना संक्रमण से गरीब व मध्यम वर्ग सबसे अधिक प्रभावित हुआ है। काफी लोगों के रोजगार छिन गए तो बहुत सो की नौकरी चली गयी। व्यक्ति पर खाने के लिए कुछ नहीं है ऐसे में बढती महंगाई जले पर नमक छिड़क रही है और सरकार आंख बंद कर सब कुछ देख रही है। उनका कहना है कि आज सब्जी जिस रेट में है अगले दिन उस रेट में नहीं मिलेगा, दाल चावल के दाम सर चढ़कर बोल रहे हैं। आम उपभोक्ता की कमर तोड़ कर रख दी है, उपभोक्ता और उसके परिवार का पेट कैसे भरेगा।

ग्राम पंचायत के ब्रज प्रांत के संगठन मंत्री वी के अग्रवाल ने कहा कि इस समय प्रदेश सरकार या केंद्र सरकार ने अपनी आंखों पर ऐसे काली पट्टी बांध रखी है जिससे उनको कुछ नजर और सुनाई नहीं पड़ रहा है। कालाबाजारी, भ्रष्टाचारी चरम सीमा पर है, जबकि उपभोक्ता को रोजमर्रा में उपयोग में होने वाली वस्तुओं के मूल नियंत्रण में रहने चाहिए। सरकार को इसके लिए सार्थक कदम उठाने चाहिए। घर की ग्रहणी या माता-बहनों का पूरा दिन मानसिक तनाव में व्यतीत हो रहा है। इस अंधी महंगाई के कारण परिवार के सदस्यों के बीच खटपट भी होने लगी है, घर का बजट बिगड़ ही गया है।

सदस्यों ने जनता की पीड़ा को सामने रखते हुए कहा कि कोविड-19 लॉकडाउन के दौर में हर आम उपभोक्ता की आर्थिक स्थिति बिगड़ चुकी है लेकिन स्कूल बंद है फीस देनी पड़ रही है, व्यापार बंद है टैक्स देना पड़ रहा है, ईएमआई देनी पड़ रही है, ब्याज देनी पड़ रही है, बिजली के बिल भी अनाप-शनाप बढ़कर आ रहे हैं। उपभोक्ता को सांस लेना मुश्किल हो रहा है। कहीं-कहीं लोग आत्महत्या को भी मजबूर हो रहे हैं। घर के संचालनकर्ता और मुखिया के साथ कब क्या हादसा हो जाए ऊपर वाला ही जानता है।

बैठक के दौरान अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत जल्द ही बढती महंगाई और उपभोक्ता की इस समस्या को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री और केंद्र सरकार के नाम ज्ञापन प्रेषित करेगी। ग्राहक पंचायत मांग करेगी कि केंद्र और प्रदेश सरकार उपभोक्ता को इस बेतहाशा बढ़ती हुई महंगाई से मुक्ति दे और इस बेतहाशा महंगाई की आग को ठंडा करें जिससे कि आम और खास उपभोक्ता का जीवन सुचारू रूप से चल सके।

बैठक में सुमन गोयल, अशोक सबनानी, प्रदीप लूथरा, सत्येंद्र पाठक, हरिओम गोयल, विजय वर्मा, ऋषभ बंसल, अनिल सिंह, अरविंद सिंघल, एडवोकेट राकेश गुप्ता, मीरा कुशवाहा आदि मौजूद रहे।

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