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शिक्षा के अनिवार्य अधिनयम के तहत नाम आने के बाद भी नहीं मिला प्रवेश, पिता काट रहा ऑफिसों के चक्कर

by admin

मथुरा। एक ओर जहां सरकार शिक्षा के अनिवार्य अधिनयम के तहत प्रत्येक बच्चों को पढ़ाने और उनके उज्जवल भविष्य को बनाने का प्रयास कर रही है तो वहीं दूसरी ओर विभागीय अनिमियताओं के चलते बच्चों को पढ़ाई से मरहूम रहना पड़ रहा है। ऐसा ही एक मामला मथुरा जनपद के थाना गोविंद नगर क्षेत्र की शिवाजी नगर कॉलोनी का है जो चाइल्ड लाइन के समक्ष आया है। हरीश चंद नामक युवक के द्वारा अपने 4 वर्षीय पुत्र के नाम से शिक्षा के अनिवार्य अधिनियम 2009 तहत के स्कूल में प्रवेश हुआ लेकिन विभाग की लापरवाही के चलते उसे प्रवेश नहीं मिल पाया और उसके पुत्र का चयन होने पर भी पिता को प्रवेश के लिए दर दर भटकना पड़ रहा है।

मामला मथुरा जनपद के थाना गोविंद नगर क्षेत्र की शिवाजी नगर कॉलोनी का है जहां हरीश चंद नामक युवक के द्वारा अपने 4 वर्षीय पुत्र के नाम से शिक्षा के अनिवार्य अधिनियम 2009 तहत के स्कूल में प्रवेश हेतु ऑनलाइन फॉर्म भरा था। इस योजना के तहत हरीश के पुत्र का चयन कान्हा माखन पब्लिक स्कूल में हो गया किन्तु चयन होने के बाद भी बालक का स्कूल में प्रवेश नहीं हो पाया है। पीड़ित पिता ने इस स्कूल के काफी चक्कर लगाए लेकिन उक्त बालक के प्रवेश नहीं हो पाया।

स्कूल प्रशासन का कहना था कि इस सम्बन्ध में अभी तक बेसिक शिक्षा अधिकारी के द्वारा कोई पत्र जारी नहीं हुआ है। बालक के परिजन लगातार बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय के चक्कर लगा चुके हैं लेकिन उनकी समस्या का समाधान नही हुआ।

इस समस्या के सामने आने के बाद चाइल्ड लाइन के सदस्य बालक के पिता के साथ बेसिक शिक्षा अधिकारी से मिले और समस्या को उनके सामने रखा। कहासुनी के बाद बेसिक शिक्षा अधिकारी मथुरा ने जल्द ही उक्त समस्या के निस्तारण की बात कही।

चाइल्ड लाइन संस्था ने जिला अधिकारी मथुरा को भी पत्र के माध्यम से इस समस्या से अवगत कराया है और इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है जिससे बच्चे का उक्त विद्यालय में प्रवेश हो सके।

चाइल्ड लाइन कोर्डिनेटर नरेन्द्र परिहार ने बताया कि भारतीय संविधान के आर्टिकल 21A में 6 वर्ष से लेकर 14 वर्ष तक के बच्चो के लिए मुफ्त शिक्षा की बात की गई है। जिसमें किसी प्रकार का कोई शुल्क न लेने की बात कही गयी है। जिसके बाद शिक्षा का अनिवार्य अधिनियम 2009 में अस्तित्व में आया और बच्चो को मुफ्त शिक्षा का सपना साकार हुआ। इस अधिनियम के तहत निजी स्कूलों में 25 प्रतिशत ऐसे बच्चों को प्रवेश दिया जाएगा कमजोर वर्ग से है। अतः चाइल्ड लाइन सदस्य द्वारा उक्त बच्चे का मामले को अधिकारियों के प्रकाश में लाया गया है जिससे वह शिक्षा ग्रहण कर सके और अपने भविष्य को सुनहरा बना पाए।

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