आगरा। उजाला सिग्नस रेनबो हॉस्पिटल में अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस और मातृ दिवस मनाया गया। नर्सेज को केक काटकर और उनकी सेवाओं के फलस्वरूप प्रेरित किया गया। वहीं अस्पताल के गायनी विभाग ने महिलाओं के साथ ही पुरूषों को माताओं के प्रति अपने दायित्वों व व्यवहार से अवगत कराया।
उजाला सिग्नस रेनबो हॉस्पिटल और रेनबो आईवीएफ के प्रमुख डॉ. केशव मल्होत्रा ने कहा कि नर्स अपने मरीज की भलाई व सेवा कार्य में तत्पर रहते हैं। तमाम पारिवारिक परिस्थितियों से भी समझौता करके वे अपने काम को पूरी जिम्मेदारी के साथ करते हैं। इसमें कोई संदेह नहीं कि एक अस्पताल में वे रीढ़ की तरह होते हैं। उनके बिना चिकित्सा सेवाएं अधूरी हैं।
बिजनेस हैड, वेस्टर्न यूपी, उजाला सिग्नस हैल्थकेयर दिव्य प्रशांत बजाज ने कहा कि नर्सिंग का पेशा दुनिया भर में सबसे भरोसेमंद माना जाता है। अस्पताल में भर्ती मरीजों की 24 घंटे देखभाल का दायित्व उनके कंधों पर रहता है। इसलिए उनसे उम्मीद की जाती है कि वे रोगियों का मनोबल बढ़ाने के साथ—साथ मित्रवत व्यवहार करेंगे और ह्दय में करूणा का भाव रखेंगे।
मेडिकल सुप्रिटेंडेंट डॉ. राजीव लोचन शर्मा ने कहा कि नर्सों को सम्मान देने के लिए हर साल 12 मई को विश्व भर में नर्स दिवस अंतर्राष्टीय नर्सिंग दिवस मनाया जाता है। आपको बता दें कि 1820 में इसी दिन मॉर्डल नर्सिंग की संस्थापक फ्लोरेंस नाइटिंगेल का जन्म हुआ था। दुनिया भर में फ्लोरेंस नाइटिंगेल को लेडी विद दे लैंप के नाम से भी जाना जाता है।
वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. मनप्रीत शर्मा ने कहा कि एक मां का आंचल कभी संतान के लिए छोटा नही पड़ता, ऐसे ही एक संतान के इरादे कभी अपनी मां के लिए छोटे नही पड़ने चाहिए। मातृ दिवस का मतलब केवल मोबाइल या फेसबुक पर डीपी लगा लेना नही है। हमें देखना होगा कि हमारी मां की खुशियां चाहे वो मानसिक हों या शारीरिक, कम तो नही हो रही हैं।