Home » ईंट-भट्ठों पर काम करने वाले श्रमिकों को नहीं मिल रही सरकार से सहायता, ग्रामीण मजदूर संगठन ने उठाई आवाज़

ईंट-भट्ठों पर काम करने वाले श्रमिकों को नहीं मिल रही सरकार से सहायता, ग्रामीण मजदूर संगठन ने उठाई आवाज़

by admin

मथुरा। बुधवार को उत्तर प्रदेश ग्रामीण मजदूर संगठन ने मथुरा क्षेत्र में स्थित ईट भट्टों का दौरा किया। इस दौरान उन्हें ईट भट्टों पर श्रमिकों को मिलने वाली मूलभूत सुविधाओं का अभाव मिला। संगठन के अध्यक्ष तुलाराम शर्मा ने मौके पर मौजूद प्रवासी श्रमिकों से वार्ता की और उनकी समस्याओं को जाना।

प्रवासी मजदूरों ने बताया कि लॉकडाउन के बाद से उनकी स्थिति खराब है और सरकार से भी उन्हें कोई मदद नहीं मिल पा रही है। ईट भट्टों पर मूलभूत सुविधाओं का भी अभाव है जिससे उन्हें व उनके परिवार के लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। ईट भट्टों का दौरा करने के बाद उत्तर प्रदेश ग्रामीण मजदूर संगठन के अध्यक्ष तुलाराम शर्मा ने मथुरा के जिला अधिकारी और सीडीओ मथुरा से मुलाकात की। तुलाराम शर्मा ने ईट भट्टों पर काम करने वाले प्रवासी मजदूरों की समस्याओं को उनके सामने रखा और उनके समाधान की मांग उठाई साथ ही 11 सूत्रीय मांग पत्र भी प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार के नाम दिया। तुलाराम शर्मा ने 11 सूत्रीय मांग पत्र के माध्यम से निम्नलिखित मांग की है-

1- ईट भट्टों पर काम करने वाले मजदूरों के समय के घंटे निर्धारित हो, ईट भट्टों पर महिलाओं के लिए शौचालय की व्यवस्था, श्रमिकों के बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा धारा से जोड़ा जाए और उन्हें शिक्षित बनाया जाए जिससे उनका भविष्य सुरक्षित बन सके। एक राष्ट्र एक कार्ड योजना के तहत बी.ओ.सी.डबल्यू में पंजीकृत श्रमिकों को इसी तरह का लाभ मिले जिससे वो देश के किसी भी कोने में जाकर इसका लाभ ले सके।

2 – प्रदेश में भी राजस्थान सरकार की तरह पत्थर खदान श्रमिकों के लिए सिलिकोशिस बोर्ड बनाया जाए और तांतपुर में स्वास्थ्य केंद्र की स्थापना की जाए।

3 – ठेकेदारी प्रथा को खत्म कर असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को प्रतिदिन 600 रुपये दिए जाएं और 8 घंटे काम लिया जाए।

4 – प्रत्येक ग्राम पंचायत पर लघु सचिवालय बनाये जाए जिससे ग्रामीण मजदूरो को सरकार की योजनाओं लाभ स्थानीय स्तर पर मिल सके।

5 – लेबर चौक पर मजदूरों के बैठने पेयजल और शौचालय की व्यस्था की जाए।

6 – बालश्रम को रोकने के लिए और बाल संरक्षण अधिनियम को सख्ती से पालन करना चाहिए जिससे बालश्रम को रोका जा सके। समय समय पर इन सभी सुविधाओं का निरीक्षण होना चाहिए।

7 – शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में श्रमिक कॉलोनियों का निर्माण हो जिससे गरीब श्रमिको को रहने के लिए आवास मिल सके।

8 – असंगठित क्षेत्र की महिला श्रमिकों को सामान कार्य का सामान वेतन और अधिकार दिए जाए और उन्हें कौशल विकास से जोड़ा जाए जिससे वे भी कुशल श्रमिक बन सके।

9 – श्रमिकों को राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना से जोड़ा जाए और सभी को 200 दिनों का कार्य उपलब्ध कराया जाए।

10 – प्रत्येक ईट भट्टा श्रमिकों का स्वास्थ्य बीमा कराया जाए और उनके प्रोविडेन्ट फंड सुविधा सुनिश्चित की जाए।

11 – उत्तर प्रदेश भवन एंव सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड का पंजीयन कार्ड, राशन कार्ड की तर्ज पर हो जिससे एक राष्ट्र एक पंजीयन कार्ड के आधार पर अन्य प्रदेश से आने वाले श्रमिकों को आर्थिक लाभ मिल सकें।

उत्तर प्रदेश ग्रामीण मजदूर संगठन के अध्यक्ष तुलाराम शर्मा ने बताया कि श्रमिक मजदूरों की समस्याओं के समाधान के लिए जिलाधिकारी और सीडीओ मथुरा से समस्याओं के निस्तारण का आश्वासन मिला है। प्रवासी व असंगठित क्षेत्रों के मजदूरों की काफी समस्याएं है जिन पर कोई ध्याना नहीं दी जा रहा है। इस समस्याओं के निस्तारण के लिए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम 11 सूत्रीय ज्ञापन सौंपा है और उनके निस्तारण की मांग उठाई है।

इस दौरान हेमलता गोला, शशि दिवाकर, साकिर खान, चरन सिंह राजपूत मौजूद रहे।

Related Articles