Agra. आज विश्व म्यूजियम (संग्रहालय) दिवस है। म्यूजियम से जुड़ी यह खबर भी खास है क्योंकि आगरा का ताजमहल जितना अनूठा है, उतना ही अनूठा उसका म्यूजियम भी है। ताजमहल परिसर में बने म्यूजियम में मुगल काल की कई ऐसी दुर्लभ चीजें है जिनके बारे में जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे। इस म्यूजियम में 16 तरह के वो पत्थर भी रखे हैं जिनका इस्तेमाल ताजमहल को बनाने में किया गया तो वहीं एक ऐसी प्लेट है जिसमें जहरीला खाना रखते ही उसका रंग बदल जाता है।
जानकारी के मुताबिक ताज महल के मुख्य प्रवेश द्वार के पश्चिम की ओर दो षटकोणीय कमरों में ताज म्यूजियम स्थापित किया गया था। बाद में इसे जलमहल में शिफ्ट कर दिया गया। इसमें ताजमहल और आसपास का नक्शा है। मुगल काल की पांडुलिपियों, सरकारी फरमानों, सुलेख के नमूने (कुरान की आयतें लिखने की शैली), हथियार, बर्तन, योजनाएं और ताज परिसर के चित्र, पेंटिंग, जड़ाऊ काम, आगरा किले के दो संगमरमर के स्तंभ भी रखे हुए हैं जिन्हें देखने के लिए देसी और विदेशी पर्यटक इस म्यूजियम में पहुंचते हैं।
इस म्यूजियम में वर्ष 1612 की चेहल मजलिस की एक पांडुलिपि है, जिस पर 4 फरवरी 1628 की रॉयल मुगल सील के तहत सम्राट शाहजहां के हस्ताक्षर हैं। ब्रिटिश कलाकार डैनियल के वर्ष 1795 में बनाए गए ताजमहल के दो चित्र यहां रखे गए हैं। ताजगंज के मकबरे के बगीचे में फलों की नीलामी का विवरण दर्ज करने वाला मुगल सम्राट शाह आलम द्वितीय के काल का जनरल पेरोन का एक आदेश भी प्रदर्शित किया गया है।
इस संग्रहालय में दुर्लभ वास्तु शाही घराने की प्लेट भी रखी हुई हैं। ये प्लेट काओलिनाइट से बनी हुई हैं जब भी कोई जहरीला व्यंजन इसमें परोसा जाता है तो यह अपना रंग बदल देती है।
अधीक्षण पुरातत्वविद डॉ राजकुमार पटेल ने बताया कि आगरा में ताजमहल और फतेहपुर सीकरी दो म्यूजियम है जिन्हे अपग्रेड किया गया है। पर्यटक यहां आकर मुगल इतिहास के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी ले सकते हैं। विश्व संग्रहालय दिवस पर नए रंग रूप में हमने दोनों म्यूजियम को जनता के सामने प्रस्तुत किया है।