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आगरा विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति सहित कई अधिकारियों पर धोखाधड़ी का आरोप, जांच शुरू

by admin
Many officials including former Vice Chancellor of Agra University accused of cheating, investigation started

आगरा। डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय से जुड़ी हुई एक बड़ी खबर सामने आई है। यहां के पूर्व कुलपति, पूर्व कुलसचिव सहित कई लोगों पर धोखाधड़ी का आरोप लगा है। धोखाधड़ी को लेकर कोर्ट में याचिका दाखिल कर एफआईआर कराने की मांग की है। कोर्ट ने एसएससी से सीओ स्तर के अधिकारी से इस मामले की जांच कराकर एक अप्रैल तक कोर्ट में रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा है। पूर्व कुलपति और पूर्व कुलसचिव का नाम सामने आने से यह मामला सुर्खियों में बना हुआ है।

बता दें कि डॉ. अजीत कुमार राणा विश्वविद्यालय के विधि विभाग में वर्ष 2004 से लेकर 2012 तक अनुबंधित प्रवक्ता पद पर कार्यरत रहे हैं। अजीत राणा ने कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा है कि विश्वविद्यालय में नियुक्ति से पूर्व उन्होंने गिरराज महाराज कॉलेज मथुरा, श्री जी बाबा कॉलेज ऑफ लॉ मथुरा, हाथरस के राम शंकर सारस्वत कॉलेज, अलीगढ़ के आरजे विधि महाविद्यालय, अलीगढ़ के ही एसएस कॉलेज ऑफ लॉ, मथुरा के बाबूलाल विधि महाविद्यालय में भी शिक्षक और प्राचार्य पद के लिए साक्षात्कार दिया। यह साक्षात्कार विश्वविद्यालय के खंदारी परिसर स्थित गेस्ट हाउस में संपन्न हुए थे। डॉ. राणा का सभी कॉलेजों में चयन हुआ, लेकिन उन्हें नियुक्ति पत्र नहीं दिए गए।

एक अन्य कॉलेज में जब उन्होंने प्राचार्य पद के लिए साक्षात्कार दिया तो उन्हें ज्ञात हुआ कि विश्वविद्यालय से संबद्ध कई कॉलेजों में उनका अनुमोदन है। इसके बाद उन्होंने विश्वविद्यालय में शिकायत की लेकिन यहां कोई  सुनवाई नहीं हुई। फिर उन्होंने कुलाधिपति को एक के बाद एक कई पत्र लिखे। कुलाधिपति को पत्र लिखने के बाद भी उनका अनुमोदन निरस्त नहीं किया गया।

पूर्व शिक्षक ने आरोप लगाया है कि इसके लिए पूर्व कुलपति डॉ. अरविंद कुमार दीक्षित, पूर्व कुलसचिव केएन सिंह, संबद्धता विभाग के अधीक्षक और अन्य कर्मचारियों के साथ-साथ उपरोक्त विधि महाविद्यालयों के अध्यक्ष, प्रबंधक एवं सचिव जिम्मेदार हैं। मामले में कोर्ट ने एसएसपी को पत्र लिखकर इस मामले की किसी सीओ स्तर के अधिकारी से जांच कराकर एक अप्रैल तक आख्या देने के निर्देश दिए हैं।

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