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इस गाँव में किसी भी जनप्रतिनिधि के प्रवेश पर ग्रामीणों ने लगाई रोक, मतदान का भी किया बहिष्कार

by pawan sharma

आगरा। देश की बागडोर संभालने वाली तमाम पार्टियां देश में विकास कार्य कराये जाने, लोगों के जीवन शैली में बदलाव होने के दावे करती आ आई हो लेकिन आज भी देश में ऐसे गाँव और कस्बे है जहाँ आज तक विकास नहीं हो पाया है और वहाँ के लोग नारकीय जीवन जीने को मजबूर है। ऐसा ही कुछ हाल फतेहाबाद विकास खंड के ग्राम पंचायत नगलाचंद में बने हुए है।

यहाँ के लोगों ने न जाने कितने जनप्रतिनिधि देख लिए लेकिन इस क्षेत्र की दुर्दशा नहीं बदल पाई है। क्षेत्र में विकास कार्य न होने से परेशान अब ग्रामीणों ने लोकसभा चुनाव में मतदान के बहिष्कार का फैसला कर लिया है। ग्रामीणों के फैसले से प्रशासन, जनप्रतिनिधियों और प्रत्याशियों को रूबरू कराने के लिए बुधवार को गांव में बड़े-बड़े पोस्टर और बैनर लगा दिए गए। ग्रामीणों ने किसी भी राजनैतिक दल को गांव में घुसने न देने का ऐलान भी कर दिया है।

ग्रामीणों का कहना था कि आजादी के 70 साल के बावजूद गांव में कोई भी खरंजा और नालियां नहीं बनी है जिसके चलते घरों से निकलने वाला गंदा पानी सड़कों पर बहता है और जमा हो जाता है। लोगों को मजबूर होकर इस दलदल में पैर ऱखकर निकलना पड़ता है। ग्रामीणों का कहना है कि चुनाव के दौरान हर गांव में कई बार जनप्रतिनिधि आए और वोट मांग कर चले गए लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं मिला। इसलिए ग्रामीणों ने एकजुट होकर एक स्वर में संसदीय चुनाव में किसी भी दल को वोट नहीं देंगे।

अब देखना होगा कि ग्रामीणो के चुनाव बहिष्कार के ऐलान से शासन प्रशासन क्या कदम उठता है।

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