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Women Day 2021 : बढ़ती उम्र भी नहीं डगमगा पाई माधुरी मिश्रा का हौंसला, टीकाकरण को बनाया सफ़ल

by admin
Today 22 centers in Agra will be vaccinated for people above 18 years of age

आगरा। नाम – माधुरी मिश्रा, उम्र 60 साल। इनके जज्बे को सलाम। इतनी उम्र होने के बाद भी समाजसेवा की धुन में कोई कमी नहीं। कोविड-19 के भयानक दहशत भरे समय में जब अच्छे-अच्छों ने अपने कदम घर से निकालने से इंकार कर दिया। तब माधुरी देवी ने जिला अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाओं को सुचारू रखने में सहयोग दिया। उन्होंने अपने कार्यकाल में कई ब्लाकों में टीकाकरण के प्रतिशत को ऊंचाई पर पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। आठ किलोमीटर पैदल चलकर सर्वे और टीकाकरण के काम को निपटाया।

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस माधुरी मिश्रा की बात किए बिना अधूरा है। माधुरी वर्तमान में सीएमओ आफिस के पास में रहती हैं। बचपन में उन्हें समाजसेवा का शौक था। पढ़ाई के दौरान एक एएनएम को देखा तो खुद भी सेवा भाव वाले काम को करने की धुन सवार कर ली। परन्तु उनके पिता को स्वास्थ्य विभाग की नौकरी पसंद नहीं थी। उन्होंने अपनी रजामंदी नहीं दी। समय के चक्र के साथ बुजुर्ग हो चुके माधुरी के पिता का निधन हो गया। पिता की सांसें थमने के बाद परिवार में आर्थिक संकट खड़ा हो गया। उसकी पढ़ाई पर भी आंच आना लाजमी थी। परन्तु, माधुरी को एएनएम बनने की धुन सवार थी। उसने सिलाई और कढ़ाई का काम शुरू कर अपने स्कूल की फीस को भरकर पढ़ाई को जारी रखा। वह घर पर भी आर्थिक रूप से मदद करती थी। माधुरी की ऊपर वाले ने सुन ली और 1983 में उसे बाह ब्लाक में एएनएम की नौकरी मिली।

अभी तक परिवार से जूझ रही माधुरी को अब आमजन के बीच जाकर अपनी प्रतिभा को साबित करना था। उन्होंने हार नहीं मानी और घर से आठ किमी दूर बाह ब्लाक में जाकर काम करना शुरू कर दिया। आवागमन का साधन न होने के चलते वह पूरा सफर पैदल ही पूरा करती थी। शुरुआती दिनों में काफी दिक्कत आईं। महिलाओं ने उन्हें डाटा देने से मना कर दिया। घर से भगा दिया, फिर भी माधुरी डटी रहीं। सर्वे के दौरान अपने व्यवहार से लोगों का दिल जीत लिया और काम उनका पटरी पर आ गया। रुझान बढ़ने से 20 प्रतिशत से टीकाकरण उछाल मारकर 60 प्रतिशत पर पहुंच गया। दस साल नौकरी के बाद फतेहाबाद ब्लाक मिला। यह ब्लाक भी घर से काफी दूर था। 30 प्रतिशत टीकाकरण वाले ब्लाक में शत-प्रतिशत टीकाकरण के लिए काम शुरू किया। वैक्सीन करियर, लॉजिस्टिक, थैले और अन्य सामान को ले जाने में माधुरी के पैरों में छाले पड़ जाते थे। उनकी मेहनत रंग लाई और यहां पर डब्ल्यूएचओ के सर्वे में टीकाकरण का औसत 90 प्रतिशत तक पहुंच गया।

शून्य से 91 प्रतिशत तक टीकाकरण पर मिला प्रमोशन –

बाह और फतिहाबाद में बेहतर काम करने के बाद माधुरी को गहलाना में भेजा गया। यहां के वाशिन्दें टीकाकरण को लेकर जागरूक नहीं थे। माधुरी ने बताया कि उनके प्रयास से यहां पर 91 प्रतिशत तक टीकाकरण हो गया। उसके बाद प्रमोशन मिलने पर एचबी बन गईं। तब 2013 में सीएमओ कार्यालय में काम शुरू कर दिया।

छुट्टी नहीं ली, कोरोना पीरियड में निभाई अहम भूमिका –

माधुरी देवी अपने कार्य के प्रति पूरी तरह से अडिग थी। वह छुट्टी नहीं लेती थी। लाकडाउन में उन्होंने अहम भूमिका निभाई। चूंकि उनकी उम्र 60 वर्ष थी तो उन्हें वैक्सीनेशन कार्य के लिए नहीं भेजा गया, पर दूसरे काम को निपटाकर सहयोग किया अपने रिटायरमेंट के अंतिम दिनों तक कोविड-19 वैक्सीनेशन में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। एडी हेल्थ मुख्य चिकित्सा अधिकारी नोडल ऑफिसर सहित अन्य अधिकारी कर्मचारी कर्मचारी फ्रंटलाइन वर्कर सहित 630 लाभार्थियों का कोविड-19 वैक्सीनेशन किया। 25 और 26 फरवरी को एनम ट्रेनिंग सेंटर आगरा में आखिरी कोविड-19 वैक्सीनेशन किया, साथ ही 27 फरवरी को रूटीन इम्यूनाइजेशन के तहत टीकाकरण किया।

28 फरवरी 2021 को विदाई समारोह हुआ और उसके बाद भी माधुरी मिश्रा द्वारा जिला प्रशिक्षण अधिकारी डॉ. संजीव वर्मा से कहा गया कि कोविड-19 वैक्सीनेशन में अगर उनकी जरूरत पड़ती है तो वह विभाग की सेवा में तत्पर रहेगी। माधुरी मिश्रा में आज भी समाज सेवा की भावना मौजूद है।

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