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मोबाइल टावर और स्ट्रीट लाइट की बैटरी चुराने वाले शातिर गिरोह को पुलिस ने किया गिरफ्तार

by admin

आगरा। मोबाइल टावरों व रोड किनारे लगी स्ट्रीट लाइट की बैटरियों को चुराने वाले शातिर गिरोह के चार सदस्यों को पकड़ने में डौकी थाना पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है। थाना पुलिस ने चार शातिर चोरों को गिरफ्तार किया है जिनके पास से बैटरी चुराने वाले उपकरण सहित एक इको कार बरामद की है। इस पूरे मामले का खुलासा एसपी ग्रामीण ने एक प्रेसवार्ता के दौरान किया। पुलिस ने चारों शातिर चोरों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही कर जेल भेज दिया है।

एसपी ग्रामीण (पूर्वी) प्रमोद कुमार ने बताया कि अपराधियों पर शिकंजा कसने के लिए डौकी थाना पुलिस गस्त करते हुए हिंगोट खेरिया पुलिया के पास पहुँची थी। इसी दौरान महल गांव के पास खेत में लगे मोबाइल टॉवर पर कुछ लोग दिखाई दिए। पुलिस को देखकर लोग भगाने लगे। भागते हुए लोगों को देखकर पुलिस ने घेराबन्दी की और दबिश देकर चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया जबकि कुछ लोग फरार हो गए।

एसपी प्रमोद ने बताया कि प्रहलाद पुत्र चरण सिंह, राहुल पुत्र छितर सिंह, करुआ पुत्र जगदीश सिंह, मनोज पुत्र धर्मपाल सिंह को गिरफ्तार किया जबकि अनिल पुत्र यादराम, तुकाराम पुत्र तेज सिंह और श्याम कबाड़ी फरार है।एसपी प्रमोद ने बताया कि पकड़े गए शातिर चोरों से कई चोरियों का खुलासा हुआ है। माह सितंबर में इन शातिरों ने पांच चोरियों को अंजाम दिया था और सैंया टोल, इरादत नगर, व गढ़ी केसरी सहित शमशाबाद में लगे टावरों से कुल 24 बैटरी चोरी की।

अक्टूबर माह में दो चोरियों को अंजाम दिया और अछनेरा व इरादतनगर में मोबाइल टॉवर से दो बैटरी चोरी की। नवंबर माह में गुढ़ा गांव के कई टावरों से बैटरी चोरी हुई। दिसंबर माह में जगनेर के ग्राम चन्दसौर व खेरागढ़ के ग्राम निमेना में मोबाइल टावरों से 24 बैटरी चोरी की। जनवरी माह में निबोहरा के नगरिया और बरौली अहीर से मोबाइल टावरों से बैटरी चोरी हुई।

एसपी प्रमोद ने बताया कि अभियुक्तों ने पूछताछ में बताया कि प्रहलाद पुत्र चरण सिंह, राहुल पुत्र छितर सिंह, करुआ पुत्र जगदीश सिंह व अन्य फरार साथी अनिल ने मिलकर इन चोरियों की वारदात को अंजाम दिया था। मनोज केवल पहली बार इस वारदात में शामिल हुआ है। अभियुक्तों ने बताया कि सड़क किनारे लगी लाइट, मोबाइल टावरों और हाइवे पर खड़े ट्रक की बैटरी चुरा लेते थे। अभियुक्तों ने बताया कि चोरी की बैटरी को अनिल के टेम्पों और कलुआ की ईको कार की नंबर प्लेट को बदलकर श्याम कबाड़ियों को बेच देते थे। 2000 से 2500 प्रति बैटरी के हिसाब से बेचते थे और आपस मे पैसे बांट लेते थे।

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