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गांधी चबूतरे के मैदान को भूमाफियाओं से बचाने के लिए क्षेत्रीय लोग 2 अक्टूबर को लेंगे ये संकल्प

by admin

आगरा। गांधी चबूतरे के एतिहासिक मैदान को बचाने के लिए क्षेत्रीय लोग “गांधी मैदान बचाओ अभियान” की शुरुआत करने जा रहे है। मैदान को नवनिर्माण मुक्त कर उसमें गांधी पार्क बनाये जाने और महात्मा गांधी के साथ साथ स्वतंत्रता सेनानियों की स्मृतियों को संजोने के रखने के लिए 2 अक्टूबर को गांधी चबूतरे पर संकल्प लेकर इसे बचाने और संरक्षित कराने की मुहिम छेड़ेंगे जिसका ऐलान हाईकोर्ट के अधिवक्ता धर्मेंद्र मिश्रा ने किया। उन्होंने कहा कि इस आंदोलन के माध्यम से उत्तर प्रदेश के सभी 80 सांसदों को गांधी मैदान बचाओ अभियान की प्रतियां भेंट कर उन्हें जिला पंचायत के कारनामे से अवगत कराया जाएगा और इसे संरक्षित कराये जाने की मांग की जाएगी।

अधिवक्ता धर्मेंद्र ने कहा कि बाह के जिस मैदान पर गांधी के चरन पड़े थे और फिर स्वतंत्रता सेनानी रामप्रसाद बिस्मिल, अटल बिहारी वाजपेई, लीलाधर वाजपेई, पं गेंदालाल दीक्षित, अमर नाथ दीक्षित, शंभू नाथ आजाद ने अंग्रेजों को खदेड़ने के लिए स्वाधीनता का बिगुल फूंका था, आज उन स्वतंत्रता सेनानियों की यादों को चंद पैसों के लालच में रौंदा जा रहा है। इस मैदान पर कुछ लोगों की स्वार्थ की नजर लगी हुई है।

बताते चलें कि इस ऐतिहासिक मैदान को गांधी की स्मृतियों को संजोने के बजाए उस मैदान पर मार्केट बनाने का जिला पंचायत ने प्रस्ताव पारित किया है। अब इस ऐतिहासिक मैदान को बचाने के लिए क्षेत्रीय लोगों ने मोर्चा खोल दिया है और विरोध प्रदर्शन कर अपनी नाराजगी व्यक्त कर रहे हैं। इस मैदान को बचाने के लिए बाह विधायक पक्षालिका सिंह को पत्र लिखकर गुहार लगाई है कि एतिहासिक मैदान को मिटने से बचा लिया जाए, इस मैदान पर गांधी पार्क बनाया जाए। नई पीढ़ी क्रांतिकारियों के त्याग और बलिदान को समझती रहे इसलिए गांधी चबूतरे को संरक्षित कर विकसित कराया जाए।

लोगों ने बताया कि एतिहासिक मैदान को क्रांतिकारियों की यादों का स्मारक बनाने की बजाए जिला पंचायत उस मैदान को भूमाफियाओं के साथ मिलकर उसमें दुकान आवंटन के नाम पर बेशकीमती भूमि को कौड़ियों के दामों में ठिकाने लगाने का प्रयास कर रहा है। जिलापंचायत के इस कदम का क्षेत्र भर में भारी विरोध हो रहा है।

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