आगरा। ताजनगरी के सुप्रसिद्ध अंग्रेजी कवि राजीव खंडेलवाल को साहित्य क्षेत्र में एक साथ दो उल्लेखनीय उपलब्धियाँ मिली हैं। एक ओर उनकी तीन अंग्रेजी कविताओं को मध्यप्रदेश के पाठ्यक्रम में लगाया गया है, वहीं दूसरी ओर उनकी चुनिंदा कविताओं पर लघु शोध कार्य भी शुरू हो गया है। गौरतलब है कि मध्यप्रदेश हिंदी ग्रंथ अकादमी द्वारा प्रकाशित पाठ्यपुस्तक ‘इंग्लिश लैंग्वेज एंड लिट्रेरी हेरिटेज ऑफ इंडिया’ तथा ‘इंग्लिश एक्रॉस कल्चर्स’ में आगरा के राजीव खंडेलवाल की तीन अंग्रेजी कविताओं को स्थान मिला है। इनमें चाइल्ड ब्राइड, रैलीज इन द पार्क्स और डू लॉयर्स हैव डॉटर्स शामिल हैं।
निसंदेह यह ताजनगरी के लिए गर्व और गौरव के पल हैं कि जबलपुर (मध्य प्रदेश) में ग्रेजुएशन के विद्यार्थी फाउंडेशन कोर्स के अनिवार्य द्वितीय पेपर इंग्लिश लैंग्वेज में रविंद्र नाथ टैगोर, जवाहरलाल नेहरू, आरके नारायण, खुशवंत सिंह, विलियम वर्ड्सवर्थ, लियो टॉलस्टॉय, रॉबर्ट फ्रॉस्ट, रस्किन बॉन्ड, ऑस्कर विल्डे और एजी गार्डिनर जैसे नामचीन कवियों के साथ अब आगरा के राजीव खंडेलवाल को भी पढ़ेंगे।
सैंट अलोयसिस कॉलेज, जबलपुर की प्रिंसिपल और अंग्रेजी विभागाध्यक्ष डॉ. नीलांजना पाठक ने कॉलेज कमेटी द्वारा राजीव खंडेलवाल की कविताओं के चयन व अनुमोदन में प्रमुख भूमिका अदा की। राजीव खंडेलवाल ने इस हेतु डॉ. पाठक का कोटि-कोटि आभार व्यक्त किया।
यूजीसी और नैक द्वारा गुणवत्ता परक उच्च शिक्षा के लिए सर्वश्रेष्ठ रैंकिंग प्राप्त सैंट अलोयसिस कॉलेज, जबलपुर में एमए (अंग्रेजी) की छात्रा पारुल विश्वकर्मा कॉलेज की ही अंग्रेजी विभागाध्यक्ष डॉ. नीलांजना पाठक के निर्देशन में राजीव खंडेलवाल की चुनिंदा कविताओं पर लघु शोध-कार्य कर रही है। उसने राजीव खंडेलवाल की किताब ‘कौंच, सेल्स एंड काउरीज’ और ‘ट्वंटी फर्स्ट लव सेंचुरी पोयम्स’ से आधा दर्जन कविताओं को अध्ययन के लिए चुना है।
कवि राजीव खंडेलवाल का संक्षिप्त परिचय –
वर्ष 1957 में उद्योग नगरी कानपुर में जन्मे किंतु प्रेम नगरी आगरा में पले-बढ़े राजीव खंडेलवाल शिक्षा से इलेक्ट्रिकल इंजीनियर, पेशे से एक बिजनेसमैन और हृदय से अंग्रेजी भाषा के ख्याति प्राप्त लव पोयट हैं। आपकी कविताओं के पाँच संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं। इन संग्रहों में दर्ज अधिकांश कविताएँ पुस्तकाकार होने से पूर्व ही देश- दुनिया की महत्वपूर्ण अंग्रेजी पत्रिकाओं, जर्नल्स और साझा संग्रहों में प्रकाशित होकर राष्ट्रीय- अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसा पा चुकी हैं।
जाने-माने अंग्रेजी विद्वान और साहित्यकार डॉ. सोम.पी. रंचन, डॉ. भूपेंद्र परिहार और डॉक्टर वी. वी. बी. रामाराव आपकी कविताओं पर अलग-अलग आलोचनात्मक विश्लेषण की पुस्तक लिख चुके हैं।
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