आगरा – एत्मादपुर तहसील की ग्राम पंचायत मुरथर अलीपुर में चकबंदी प्रक्रिया को निरस्त कराने और भ्रष्ट राजस्व कर्मचारियों पर कार्यवाही की मांग को लेकर पिछले 5 दिनों से भारतीय किसान यूनियन धरना दे रही है। यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह के नेतृत्व में हजारों किसान 5 दिन से एत्मादपुर तहसील परिसर में दिन और रात महिलाओं सहित डेरा जमाए हुए हैं।
दरअसल ग्राम पंचायत मुरथर अलीपुर में पिछले करीब 1 साल से चकबंदी को लेकर किसान दो फाड़ में बट गए हैं। किसानों का एक दल चाहता है कि चकबंदी हो जबकि दूसरा पक्ष चकबंदी को रोकने के पक्ष में है। इसीलिए कर गांव में कई बार विवाद भी हो चुका है। कई बार चकबंदी अधिकारियों और अपर जिलाधिकारी प्रशासन तथा उप जिलाधिकारी एत्मादपुर द्वारा कई बार समस्या समाधान हेतु बैठक की गई है लेकिन अभी तक कोई निष्कर्ष नहीं निकल पाया है।
समस्याओं को लेकर भारतीय किसान यूनियन ग्राम पंचायत के सैकड़ों किसानों और अपने कार्यकर्ताओं के साथ धरने पर है। आज मंगलवार को उप जिलाधिकारी एत्मादपुर अभिषेक सिंह, तहसीलदार प्रेमपाल सिंह और क्षेत्राधिकारी अतुल कुमार सोनकर यूनियन की मांगों को सुनने के लिए धरने पर पहुंचे। जहां किसानों द्वारा लेखपाल तथा कई चकबंदी अधिकारियों पर रुपए लेकर चकबंदी प्रक्रिया में भ्रष्टाचार करने की शिकायत की गई जिसका हवाला देते हुए किसान नेता ने कहा कि चकबंदी की आड़ में लेखपाल कानूनगो और संबंधित चकबंदी अधिकारी अपनी जेब गर्म करके किसानों को परेशान कर रहे हैं। जिन किसानों से पैसा मिल जाता है उनका खेत पास तो था जिनसे पैसा नहीं मिलता है उनके खेतों को दूर चक बना देते हैं। इसलिए भारतीय किसान यूनियन चकबंदी प्रक्रिया निरस्त करने की मांग करती है और साथ ही इस प्रक्रिया में कार्यरत सभी कर्मचारियों पर जांच करके दोषी पाए जाने पर कार्यवाही की मांग करती है।
वहीं उप जिलाधिकारी एत्मादपुर अभिषेक सिंह का कहना था कि किसानों से बात हो गई है क्योंकि ग्राम पंचायत में एक पक्ष चकबंदी कराने का पक्षधर है इसलिए 1 दिन दोनों पक्षों को साथ बिठाकर किसानों के चकबंदी कराने और न कराने के सुझाव लिए जाएंगे और जिस पक्ष की संख्या अधिक होगी उसी हिसाब से चकबंदी का निर्णय लिया जाएगा और जहां तक बात भ्रष्टाचार की है तो किसानों से कहा गया है कि वह लिखित में शिकायत दर्ज कराएं जिससे आगे की कार्रवाई की जा सके। क्योंकि एक ऑडियो वायरल होने के एक चकबंदी लेखपाल को सस्पेंड कर दिया गया है।
उपजिलाधिकारी के आश्वासन के बाद भी किसान धरने पर बैठे हुए हैं और चकबंदी प्रक्रिया के मामले के अंतिम चरण तक पहुंचने और दोषी कर्मचारियों पर कार्यवाही होने तक धरना खत्म करने के मूड में दिखाई नहीं दे रहे हैं।
एत्मादपुर से पवन शर्मा की रिपोर्ट