Agra. बोर्ड परीक्षाओं के बीच पिता की मृत्यु हो गई। बेटे ने मुखाग्नि देकर अंतिम संस्कार किया लेकिन अगले ही दिन सुबह बेटे की परीक्षा भी थी। वो समझ नहीं पा रहा था कि आखिरकार वह क्या कदम उठाये लेकिन पिता के कुछ शब्दों उसके कानों में गूंजे और वो पिता को मुखाग्नि देने के अगले ही दिन बोर्ड की परीक्षा देने के लिए पहुँचा। आंसुओं को काबू करते हुए आकाश बोला कि पिता के सपने को पूरा करने के लिए उसने परीक्षा दी है। पिता चाहते थे कि वह एमबीए कर अच्छी नौकरी करे।
पिता के शब्द बने प्रेरक
नगला पदी निवासी आकाश ने बताया कि उसके पिता अजय चौहान जूता फैक्टरी में कार्य करते हैं। रविवार को उनका हृदयाघात से निधन हो गया। सोमवार को इंटरमीडिएट की व्यावसायिक संगठन और पत्राचार का पेपर था। परिजनों ने दुख के संकट में परीक्षा छोड़ देने के लिए कहा लेकिन मेरे पिता के अंतिम शब्द कान में गूंज रहे थे, जिसमें वह अकसर कहते थे कि आकाश तू एमबीए कर किसी बड़ी कंपनी में अच्छी सी नौकरी करना। यही मेरा सपना है।
अंतिम संस्कार के बाद पहुँचा परीक्षा देने
पीड़ित आकाश ने बताया कि उसने पहले पिता को मुखाग्नि देकर अंतिम संस्कार किया और फिर अपनी परीक्षा देने के लिए पहुंचा है। ऐसा करते हुए उसे अच्छा तो नहीं लगा लेकिन पिता एक कहे हुए शब्दों को पूरा करने के लिए उसे यह परीक्षा देनी थी। छात्र आकाश यमुनापार स्थित अवंतीबाई इंटर कॉलेज में परीक्षा देने गया। स्कूल संचालकों ने भी आकाश के हौसले को सलाम करते हुए उसको ढांढस बंधाया।