आगरा। सिंचाई विभाग के बाहर खड़ा यह युवक विनीत कुमार है जो पिछले 6 महीनों से सिंचाई विभाग से अपनी भूमि को लेकर एन.ओ.सी के लिए सिंचाई विभाग के चक्कर काट रहा है लेकिन विभाग में भ्रष्टाचार इस तरह से फैला है कि संबंधित विभाग का बाबू बेखौफ होकर रिश्वत की मांग कर रहा है और बिना रिश्वत दिए कार्य को आगे नही बढ़ा रहा है। जिससे पीड़ित व उसके परिजन काफी परेशान है। बताते चले कि डूब क्षेत्र में हुए निर्माणों को ढहाने के आदेश एक बार फिर आ गए है जिससे संबंधित विभाग अपने निजी स्वार्थ के लिए भुनाने में जुट गए हैं चाहे वो गलत हो या फिर सही।
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ की तमाम हिदायतों के बाद भी सरकारी विभागों से भ्रष्टाचार कम नहीं हो रहा है। ताजनगरी में भी लगातार भ्रष्टाचार के तमाम मामले सामने आ चुके है और भ्रष्टाचार से जुड़ा नया मामला सिंचाई विभाग से सामने आया है। एक पीड़ित ने सिंचाई विभाग के एक बाबू पर रिश्वत मांगने का आरोप लगाया है। पीड़ित का कहना है कि सिंचाई विभाग के बाबू सोबरन सिंह उसके जमीन से संबंधित कार्य को बिना पैसे दिए नही कर रहा है जिससे वो और उसके परिजन काफी परेशान है।
बताते चले कि हाल ही में डूब क्षेत्र में बने अवैध निर्माणों को तोड़ने का जिन्न एक बार फिर बोतल से बाहर निकल आया है और डूब क्षेत्र के मामले में सिंचाई विभाग की एनओसी महत्वपूर्ण होती है। इसलिये सिंचाई विभाग में एनओसी के नाम पर खुलेआम लूट मची हुई है। सिंचाई विभाग में पिछले 6 महीनों से चक्कर काट रहे पीड़ित ने बताया कि उसकी भूमि वाटरवर्क्स के पास है। गाटा संख्या 1722/1 पार्ट-1 क्षेत्रफल 2318.11 वर्ग है जो डूब क्षेत्र के बाहर है। सभी संबंधित अधिकारियों ने उक्त जमीन को डूब क्षेत्र से बाहर मानते हुए कागजी कार्यवाही पर अपने हस्ताक्षर कर दिए है लेकिन इसके बावजूद बाबू सोबरन सिंह उन्हें एनओसी नही दे रहे है और एनओसी के नाम पर 2 लाख रुपए की मांग कर रहे है।
इस मामले को लेकर जब पत्रकारों ने संबंधित विभाग के बाबू से बात करनी चाही तो कैमरा देखखर विभाग अपनी कुर्सी छोड़कर भाग खड़ा हुआ और सभी आरोपों को गलत बताता रहा।