उत्तर प्रदेश के कासगंज जिले में कानपुर के बिकरु गांव जैसा एक खूनी संघर्ष सामने आया है। जहां पुलिस अवैध शराब के गोरखधंधे को बंद करवाने के लिए गई थी लेकिन उसी दौरान पुलिस टीम पर जानलेवा हमला कर दिया गया। इतना ही नहीं शराब माफियाओं ने पहले सब इंस्पेक्टर और कॉन्स्टेबल को बंधक बना लिया और फिर उन दोनों को वहां से गायब कर दिया। इस घटना के काफी देर बाद सब इंस्पेक्टर लहूलुहान हालत में खेत में पड़े मिले और कॉन्स्टेबल का शव दूसरी जगह से बरामद किया गया। यह घटना मंगलवार देर शाम की है जब शराब माफियाओं ने दुस्साहसिक इस वारदात को अंजाम दिया। बता दें कुर्की के लिए नोटिस चस्पा करने के लिए दरोगा अशोक पाल और सिपाही देवेंद्र कुमार सिंह गए थे। जिनके साथ आरोपियों ने मारपीट की और इतना पीटा कि एक सिपाही को मौत के घाट उतार दिया।
हालांकि इस घटना के बाद पुलिस की बदमाश के भाई से मुठभेड़ हुई और पुलिस ने बदमाश के भाई एलकार सिंह को मौत के घाट उतार दिया। सिढ़पुरा थाना प्रभारी प्रेमपाल सिंह ने बताया कि शराब माफिया और उसके साथियों की तलाश करने में पुलिस जुटी थी।
पूरा मामला कासगंज के थाना सिढ़पुरा क्षेत्र का है, जहां गांव नगला धीमर में बड़े स्तर पर अवैध शराब का कारोबार चलाए जाने की सूचना पुलिस को मिल रही थी। इसी सूचना के आधार पर पुलिस टीम मंगलवार को गांव में छापा मारने पहुंची थी। लेकिन शराब माफियाओं को इस बात की भनक लग चुकी थी। लेकिन बदमाशों ने पुलिस को घेर लिया और सब इंस्पेक्टर अशोक और सिपाही देवेंद्र को बंधक बना लिया। जब तक पुलिसकर्मी कुछ समझ पाते तब तक सब इंस्पेक्टर और सिपाही को वहां से गायब कर दिया गया।
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस बल के साथ अधिकारी मौके पर पहुंच गए और सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया।इसी दौरान पुलिस को सिढ़पुरा स्वास्थ्य केंद्र के पास सिपाही देवेंद्र की लाश बरामद हुई। बदमाशों ने सिपाही की बड़ी बेरहमी से हत्या कर दी।
सीएम योगी ने कासगंज की घटना पर सख्त तेवर दिखाते हुए घटना में शामिल अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के दिशा निर्देश दिए हैं, साथ ही गुनाहगारों पर रासुका लगाने का फरमान भी सुनाया गया है।