आगरा। ताजनगरी में एक अनोखी पंचायत का तुगलकी फरमान सामने आया है। तुगलकी फरमान सुनाने वाली पंचायत किसी और ने नहीं बल्कि कच्ची शराब के तस्करों ने जमाई थी।
आगरा के डौकी थाना क्षेत्र में थाने से महज 100 मीटर की दूरी पर थाने की दीवार के पीछे डौकी नाम का गांव बसा हुआ है। इस गांव में बेड़िया समाज के लोग रहते हैं जिनका काम कच्ची शराब बनाना और उसकी तस्करी करना है। अभी कुछ महीनों पहले आबकारी विभाग इंस्पेक्टर नीलम सिंह और स्थानीय पुलिस ने सूचना पर इस गांव में छापेमारी कार्यवाही की थी। जिसमें शराब तस्करी के मामले में और कच्ची शराब बनाने में कुछ लोगों के खिलाफ मुकदमा लिखा और उन्हें जेल भेजा गया था।
जो लोग जेल गए। उनका शक था कि गांव के ही एक व्यक्ति ने उन्हें मुखबिरी करके कच्ची शराब बनाने और तस्करी करने में जेल भिजवाया। बस इसी बात पर पंचायत शुरू हुई। जेल से छूटकर आए कच्ची शराब बनाने वाले तस्करों ने पंचायत बिठाई। शराब तस्करों की पंचायत ने तुगलकी फरमान सुना दिया। गांव के जिस व्यक्ति पर मुखबिरी करने का शक था। उसे पंचायत में गांव से अलग कर दिया। समाज से नाता तोड़ दिया गया। गांव में हुक्का पानी बंद कर दिया गया और पंचायत में यहां तक कह दिया जेल का खर्चा पांच लाख अगर पीड़ित परिवार ने नहीं दिया। उसे गांव से भी हटा दिया जाए।
इसकी शिकायत पीड़ित ने पुलिस से की तो पुलिस मामले की जांच कर रही है। हरियाणा की खाप पंचायत के बाद ताजनगरी आगरा में शराब तस्करों की पंचायत में तुगलकी फरमान सुनाने के मामले में गांव में हड़कंप मचा हुआ है।