आगरा। ताजमहल का रंग बदलने को लेकर सुप्रीम कोर्ट चिंतित दिखाई दे रहा है इसलिये तो बुधवार को सर्वोच्च न्यायालय ने इस मामले में भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) की जमकर क्लास ली है।
बुधवार को जस्टिस मदन बी लोकुर ने ताजमहल रख रखाव को लेकर सुनवाई कर रहे थे। इस दौरान सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश ने ताज के रंग बदलने पर चिंता व्यक्त करते हुए इसके कारणों को पूछा तो ASI ने काई(हरे रंग के कीट) और गंदी जुराबों को जिम्मेदार ठहराया है।
कोर्ट ने ASI के इस जवाब पर हैरानी जताते हुए कहा कि ‘क्या ये संभव है कि कि काई उड़कर छत पर पहुंच गई। कोर्ट ने ASI के लचर रवैये पर ASI को फटकार भी लगाई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि समस्या ये है कि ASI ये मानने के लिए तैयार ही नहीं कि कोई दिक्कत है। अगर ASI ने जिम्मेदारी से अपना काम किया होता तो ये स्थिति पैदा ही नहीं होती। 22 साल पहले दिए हमारे आदेश पर अब तक अमल नहीं हो पाया है।
अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश ने कहा कि अगर भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण विभाग में ऐसा ही चलता रहा तो ताज बेरंग हो जायेगा
वहीं केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि वह ताजमहल की रक्षा और संरक्षण के मुद्दे को देखने के लिए अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों की नियुक्ति पर विचार कर रहा है।
सुप्रीम कोर्ट अब इस मामले की सुनवाई जुलाई में करेगा। वहीं केंद्र सरकार को मामले में 4 हफ्ते में जवाब देना होगा कि यमुना पर कितने बैराज बनाये जा रहे हैं।