आगरा। अंतरराष्ट्रीय शिक्षाविद प्रो. केएस राना को मेवाड़ विश्वविद्यालय चित्तौड़गढ़ (राजस्थान) का अध्यक्ष और कुलपति बनाया गया है। उन्होंने कार्यभार ग्रहण कर लिया है। विश्वविद्यालय परिसर में उनका जोरदार स्वागत किया गया।
प्रो. राना लगातार पांचवीं बार कुलपित बने हैं। प्रो. राना एलएलएम, एमएससी, पीएचडी और डीएससी हैं। वे कुमायूं विश्वविद्यालय नैनीताल, उत्तराखंड राज्यविश्वविद्यालय अल्मोड़ा, नालंदा राज्य विश्वविद्यालय पटना और मोनाड विश्वविद्यालय, गाजियाबाद के कुलपति रह चुके हैं। इसके अलावा भारत सरकार के पर्यावरण एवं वन मंत्रालय की एप्रैजल अथॉरिटी के सदस्य, वाइस चेयरमैन और चेयरमैन रह चुके हैं। सर्वाधिक प्रभावशाली कुलपति और सर्वाधिक समर्पित कुलपति जैसे पुरस्कारों से सम्मानित प्रो. राना को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड भी मिला है।
उन्होंने चौधरी चरण सिंह की जीवनी, पर्यावरण, चौ. चरण सिंह द्वारा लिखी गई पुस्तकों का हिन्दी में अनुवाद समेत 15 पुस्तकें लिखी हैं। विभिन्न पत्रिकाओं में 318 शोधपत्र प्रकाशित हुए हैं।41 छात्रों को पीएचडी कराई है। पर्यावरण पर कार्य के लिए उनकी ख्याति पूरे विश्व में है। इन उपलब्धियों के लिए कॉमनवेल्थ वोकेशनल यूनिवर्सिटी ने एलएलडी की मानद उपाधि से सम्मानित किया है। विश्व मानवाधिकार आयोग, न्यूयॉर्क ने पर्यावरण संरक्षण के लिए डीलिट की मानद उपाधि प्रदान की है।
आपको बता दें कि प्रो. केएस राना के प्रस्ताव पर ही एचआरडी मंत्रालय का नाम बदलकर शिक्षा मंत्रालय किया गया है। मूल रूप से जयपुर निवासी डॉ. केएस राना की शिक्षा-दीक्षा आगरा विश्वविद्यालय में हुई है।