आगरा। मध्यप्रदेश से शुरू हुई किसानों की देशव्यापी हड़ताल में अब आगरा के किसान भी शामिल होने जा रहे है। आगरा के किसान भी 6 जून से गांव बंद आंदोलन के हिस्सा होंगे। यह फैसला आज किसानों ने पचायत के दौरान लिया। रविवार को किसान नेता श्याम सिंह चाहर के नेतृत्व में गांव गुतिला किसान पंचायत का आयोजन किया गया। इस पंचायत में किसान नेताओं के साथ साथ देवरी, गुतिला, गगरूआ हरकनागडी, रामनगर, अकबरपुर, बिरमनगर के किसानों ने बढ़चढ़ कर भाग लिया। पंचायत में सभी किसानों ने मोदी सरकार के प्रति अपनी तीखी प्रतिक्रियाएं दी और सरकार को किसान विरोधी बताते हुए अन्नदाता की ताक़त का अहसास कराने का निर्णय लेते हुए गांव बंद आंदोलन में शामिल होने का निर्णय लिया।
किसान नेताओं का कहना था कि 6 जून से आगरा जिले के समस्त किसान ना तो शहर में सब्जी भेजेंगे और न ही दूध का वितरण किया जायेगा। आंदोलन के दौरान हर गांव के मुख्य रास्ते पर किसान तैनात रहेगे जिससे कोई भी किसान सब्जी और दूध लेकर शहर न जा सके।
पंचायत के दौरान किसानों ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए बताया कि मोदी को सरकार को केंद्र की सत्ता संभाले हुए चार साल बीत गए लेकिन किसानों के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया। इन चार सालो में किसान को सिर्फ कर्ज माफ़ी के नाम पर 100 और 200 रूपए मिले है और आलू के गिरते दामो ने किसानो को आत्महत्या करने पर मजबूर कर दिया।
पंचायत के दौरान किसानो ने मोदी और योगी सरकार के आगे अपनी प्रमुख मांगो को रखा जो इस प्रकार है।
1=किसानों की फसल का लागत मुल्य दोगुना
2=आलु का मुल्य सरकार बारह सौ रूपए घोषित किया जाए
3= गेहू का समर्थन मुल्य तीन हजार हो
4=किसानों के दुग्ध का रेट 60रु प्रति लीटर किया जाये।5=इनररिंग रोड मे गई जमीन का चार गुना मुआवजा किसान को मिले।
6=एनटीपीसी दिगनैर के प्रभावित गांव को निशुल्क बिजली दी जाये।
7=इनररिंग रोड की जमीन घोटालेे की सीबीआई जांच हो