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मानसून में पेयजल की समस्या को लेकर ग्रामीणों ने सड़क किया जाम, पुलिस के आला अधिकारी पहुंचे

by admin
Villagers blocked the road due to the problem of drinking water in monsoon, top police officers arrived

Agra. वर्षों से व्याप्त आगरा जिले की पेयजल की समस्या का समाधान होता हुआ दिखाई नहीं दे रहा है। आगरा शहर हो या फिर ग्रामीण क्षेत्र सभी में पेयजल की किल्लत है। आगरा शहर में अधिकतर क्षेत्र पेयजल के लिए तरस रहा है तो ग्रामीण क्षेत्र में भी ग्राउंड वाटर काफी नीचे चला गया है और जहां पेयजल है वह पीने लायक नहीं है। ऐसी ही समस्या को लेकर कोलारा कलां के वाशिन्दों ने स्थानीय प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। खारे पेयजल और वर्षों से बंद पड़ी पानी की टंकी से नाराज ग्रामीण सुबह ही सड़कों पर उतर आए। ग्रामीणों ने सड़क पर प्रदर्शन करते हुए जाम लगा दिया। जाम लगाने की सूचना मिलते ही पुलिस भी हरकत में आई और मौके पर पहुंच गई। ग्रामीणों को पुलिस ने समझाने का प्रयास किया लेकिन प्रदर्शन में शामिल महिलाएं नहीं मानी और कई घंटों तक सड़कों पर प्रदर्शन होता रहा। काफी देर बाद जब पुलिस के आला अधिकारियों ने इस समस्या के जल्द समाधान का आश्वासन दिया तब जाकर महिलाओं का आक्रोश शांत हुआ।

मामला ब्लॉक फतेहाबाद क्षेत्र के आगरा फतेहाबाद मार्ग कोलारा कलां झील का है। गांव में पेयजल की समस्या वर्षों से बनी हुई है। गांव का पानी खारा है जिसे ग्रामीण वर्षों से पीने को मजबूर हैं और विभिन्न प्रकार की बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं। इस समस्या के समाधान के लिए कई बार जनप्रतिनिधियों और स्थानीय प्रशासन से गुहार लगाई गई लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है। इतना ही नहीं इस समस्या के समाधान के लिए गांव में पानी की टंकी बनाई गई लेकिन आज तक उसमें पानी नहीं आया है।

ग्रामीणों ने बताया कि इस समस्या से स्थानीय प्रशासन के साथ-साथ जनप्रतिनिधि भी रूबरू है। क्षेत्रीय विधायक को कई बार ज्ञापन भी दिया गया है लेकिन विधायक ने भी इस समस्या पर कोई ध्यान नहीं दिया है। गांव में बरसों पहले इस समस्या समाधान के लिए पानी की टंकी बनाई गई थी लेकिन जल निगम की उदासीनता के कारण आज तक उसमें कनेक्शन नहीं हुआ और पानी भी नहीं आया। ऐसे में लोग गांव का खारा पानी पीने को मजबूर हैं।

ग्रामीणों का कहना है कि जनप्रतिनिधियों को सिर्फ अपने वोट से मतलब है। उन्हें मतदाता के स्वास्थ्य से कोई लेना देना नहीं है। एक बार वोट ले लिया और फिर 5 साल के लिए जनता से किए हुए वायदे को भी खुद ही भूल जाते हैं। ग्रामीणों ने साफ कहा है कि अगर जल्द से जल्द गांव की पेयजल समस्या का समाधान नहीं हुआ तो गांव का हर बच्चा, बड़ा और युवा सड़कों पर नजर आएगा जिसकी जिम्मेदारी स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की होगी।

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