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सिक्किम में शहीद हुए आगरा के वीर सपूत जयपाल सिंह के अंतिम दर्शन को उमड़ा गाँव

by admin
Village gathered to pay last respects to Jaipal Singh, the brave son of Agra who was martyred in Sikkim

Agra. सिक्किम में तैनाती के दौरान जान गंवाने वाले सेना के नायब सूबेदार जयपाल सिंह का पार्थिव शरीर बुधवार की रात करीब आठ बजे उनके पैतृक गांव रिठौरी पहुंचा। आगरा के इस लाल का शव पहुंचते ही भारी संख्या में लोगों का सैलाब अंतिम दर्शन के लिए उमड़ पड़ा, जहां नम आंखों से लोगों ने वीर सपूत को आखिरी विदाई दी। आगरा के इस लाल के पैतृक निवास पर शव पहुँचने की सूचना पर सांसद राजकुमार चाहर, विधायक महेश गोयल, पूर्व सांसद चौधरी बाबूलाल, पूर्व विधायक भगवान सिंह कुशवाह और सेना के अधिकारी पहुँच गए। सभी ने पुष्प अर्पित कर नायब सूबेदार को श्रद्धांजलि दी तो वहीं 12 वर्षीय पुत्र ने अपने पिता को मुखाग्नि दी। इस दौरान बेटे के मुख से सिर्फ एक ही आवाज निकल रही थी कि पापा मैं भी फौज में जाऊंगा।

परिजनों के मुताबिक सेना की 25वीं राजपूताना रायफल्स में नायब सूबेदार के पद पर तैनात जयपाल सिंह तैनात थे। उनकी सोमवार को सिक्किम में ड्यूटी के दौरान सिक्किम में पहाड़ी पर चढ़ते समय आक्सीजन की कमी से मौत हो गई थी। बुधवार रात को पार्थिव शरीर घर पहुंचा तो रास्ते में गांव के लोगों ने पुष्पवर्षा कर सपूत को श्रद्धांजलि दी। ‘जब तक सूरज-चांद रहेगा जयपाल सिंह तुम्हारा नाम रहेगा’ के नारों से गांव गूंज उठा। मौके पर पहुँचे जनप्रतिनिधियों ने कंधा भी दिया।

मौके पर पहुँचे सांसद राजकुमार चाहर, विधायक महेश गोयल के अलावा रालोद की जिलाध्यक्ष मालती चौधरी, नेत्रपाल सिंह आदि ने पीड़ित परिवार को ढांढस बंधाया। इसके बाद उनका अंतिम संस्कार ग्रामसभा की जमीन पर किया गया। जिसे अब शहीद स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। मौके पर एसडीएम संगीता राघव, प्रभारी निरीक्षक प्रशांत त्यागी मौजूद रहे।

नायब सूबेदार जयपाल सिंह का पार्थिव शरीर घर आते ही उसे देखकर पत्नी और बच्चे फूट-फूट कर रोने लगे जिन्हें सांत्वना देने वाले भी रो पड़े। जयपाल सिंह के परिवार में पत्नी कृष्णा देवी, वृद्ध मां, दो पुत्रियां सिया (13) रिया (11) और एक पुत्र जय (12) हैं। उनके पिता महेंद्र सिंह भी सेना में थे। सेवानिवृत्त होने के बाद सड़क दुर्घटना में उनकी मौत हो गई थी। जयपाल का सैन्य सम्मान के साथ हो रहे अंतिम संस्कार के दौरान ‘हिंदुस्तान जिंदाबाद और शहीद जयपाल जिंदाबाद’ के नारे गूंजते रहे तो वहीं बेटा बार बार कह रहा था पापा मैं भी फौज में जाऊंगा।

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