शहीद स्मारक पर धोखाधड़ी करने वाली निवेशक इन्वेस्टमेंट कंपनी पर कार्यवाही और अपने पैसे वापसी की मांग कर रहे निवेशकों ने अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इच्छा मृत्यु की मांग की है। एक साथ हजार लोगों ने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है और उनसे इस मामले में हस्तक्षेप करने या फिर उन्हें इच्छा मृत्यु देने की मांग की है। निवेशकों की इस मांग से प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है। मंगलवार को एसीएम प्रथम अमरीश कुमार शहीद स्मारक पहुँचे थे। जहाँ उन्होंने पीड़ित निवेशकों की पीड़ा सुनी। इस दौरान निवेशकों ने एसीएम प्रथम अमरीश कुमार के जरिये जिलाधिकारी के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ज्ञापन दिया और न्याय या फिर इच्छा मृत्यु देने की मांग कर दी।
निवेशक पिछले कई दिनों से इन्वेस्टमेंट कम्पनियों की धोखाधड़ी के खिलाफ शहीद स्मारक में धरना दे रहे है। इन निवेशकों ने इन्वेस्टमेंट कंपनियों में अपना और अपने साथियों का पैसा लगवाया था। अब कंपनी की ओर से पैसा वापस न किये जाने से इनकी मुश्किले बड़ा दी है।
इन इन्वेस्टमेंट कंपनियों में आगरा के ही 5 लाख निवेशकों का करीब 800 करोड़ रुपया फंसा हुआ है लेकिन समय पूरा होने पर भी उन्हें पैसा वापस नही मिल रहा है। निवेशकों ने सरकार को धमकी भी दी है कि अगर इस साल उन्हें पैसा नही मिला तो उनके परिजन मतदान का भी बहिष्कार करेंगे।
दस करोड़ गरीब निवेशक अपने पैसों के लिए हक की लड़ाई लड़ रहे हैं। 1983 से सरकार के एमसीए व डीसीए विभाग से स्वीकृत होकर पर्ल्स(पीएसीएल लि) के साथ साईं प्रसाद, कल्पतरु, सहारा, ग्रीन टच आदि कम्पनियों ने काम शुरू किया था। 2014 में सेबी के अधिकार बढ़ने पर सेबी ने ऐसी सैकड़ो कम्पनियों को बंद कर दिया था। अब ऐसे परेशान लोगो की मदद आॅल इन्वेस्टर सेफ्टी आर्गेनाइजेशन कर रही है। निवेशकों का कहना है कि उक्त कंपनियों के पास निवेशकों की रकम से ज्यादा संपत्ति है पर फिर भी निवेशकों का पैसा वापस नही किया जा रहा है। पूरे भारत में दस करोड़ परिवार इस परेशानी से जूझ रहे हैं।