काबुल एयरपोर्ट पर गुरुवार शाम को हुए सिलसिलेवार आत्मघाती धमाकों के बाद दुनिया सहम गई है। ब्लास्ट में अब तक 40 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं 120 से ज्यादा लोगों के घायल होने की खबर है। मृतकों और घायलों में अधिकतर महिलाएं और बच्चे हैं। एयरपोर्ट पर अफरातफरी का माहौल है।
इस बीच अमेरिका और ब्रिटेन ने घटना के बाद सुरक्षा हालातों को लेकर इमरजेंसी मीटिंग बुलाई है। जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल ने इजरायल की यात्रा रद्द कर दी है। वहीं, फ्रांस ने अपने राजदूत को अफगानिस्तान से वापस बुला लिया है। न्यूज एजेंसी AFP ने फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के हवाले से कहा है कि फ्रांस के राजदूत अफगानिस्तान छोड़ेंगे। वे पेरिस से काम करेंगे। फ्रांस काबुल से सैकड़ों अफगानों को निकालने की कोशिश करेगा।
काबुल एयरपोर्ट पर दो धमाकों के फौरन बाद अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन को इसकी जानकारी दी गई। CBS न्यूज ने व्हाइट हाउस के एक सूत्र के हवाले से कहा है कि राष्ट्रपति और उनकी नेशनल सिक्योरिटी टीम सिचुएशन रूम में मौजूद हैं और काबुल के ताजा हालात पर विचार कर रहे हैं। विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन भी इस मीटिंग में मौजूद हैं। इसके अलावा ज्वॉइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ जनरल मार्क मिले भी राष्ट्रपति के साथ हैं। बाइडेन को कुछ देर बाद इजराइल के राष्ट्रपति नेफ्टाली बेनेट से भी मुलाकात करनी है। माना जा रहा है कि सिचुएशन रूम की मीटिंग में अफगानिस्तान पर कुछ बड़ा फैसला लिया जा सकता है।
काबुल एयरपोर्ट पर धमाके के बाद डोनाल्ड ट्रम्प की रिपब्लिकन पार्टी के सीनेटर और पूर्व प्रवक्ता डेन क्रेनशॉ ने प्रेसिडेंट बाइडेन पर निशाना साधा। उन्होंने कहा- मिस्टर प्रेसिडेंट अब इस मामले को संभालिए जिसको आपने ही खड़ा किया है। इससे भागने की कोशिश मत कीजिए। आपके हाथ खून से रंगे हुए हैं। हम अब भी जंग के मैदान में हैं। इसे युद्ध का अंत समझने की गलती मत कीजिए। आपने दुश्मन को एक और फायदेमंद मौका दिया है।