आगरा। डॉ. बी. आर. आंबेडकर विश्वविद्यालय में छात्रों के रिकॉर्ड से लेकर विश्वविद्यालय का कोई भी दस्तावेज अभी तक पूर्ण रूप से सुरक्षित नहीं माना जाता है। विश्वविद्यालय के रिकॉर्ड में हेरा-फेरी की बात हो या फिर दस्तावेजों के इधर उधर हो जाने या फिर कई बार प्राइवेट कॉलेज की ओर से अपने रिकॉर्ड में स्वयं ही नम्बर घटा-बढ़ा लेने की बातें, ये सब विवि में आम तौर पर होती रही हैं। इन मामलों पर अंकुश लगाने के लिए अब विश्वविद्यालय अपना रिकॉर्ड को पूर्ण रूप से सुरक्षित रखने के लिए विशेष कवायदें कर रहा है और इन सभी रिकॉर्ड को अब डिजिटल लॉक किए जाने की तैयारी हो रही है।
विश्वविद्यालय के पीआरओ डॉ गिरिजा शंकर शर्मा ने बताया कि हर छात्र का रिकॉर्ड हो या फिर विश्वविद्यालय का कोई अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज सभी को गोपनीय रखने के लिए पहले डिजिटल किया जाएगा और फिर इसे डिजिटल लॉक में ही सुरक्षित कर के रख दिया जाएगा। जिससे केवल संबंधित व्यक्ति ही एक पूरी प्रक्रिया के बाद ही खोल सकेगा।
गौरतलब है कि विश्वविद्यालय में रिकॉर्ड में हेराफेरी का ही नतीजा है कि B.Ed मामले को लेकर दर्जनों कर्मचारियों पर केस चल रहे हैं, तो वहीं विश्वविद्यालय के दो दो पूर्व कुलपतियों पर विजिलेंस की जांच के बाद FIR दर्ज हो चुकी है। रिकॉर्ड्स में हेरा फेरी गड़बड़ियां करने के मामले में नए नहीं है। कहीं ना कहीं विश्वविद्यालय की खराब हो रही छवि के पीछे इन्हीं का ही महत्वपूर्ण हाथ है। जिसको देखते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन एक नया बदलाव कर रहा है और इस बदलाव को अब प्रदेश के अन्य विश्वविद्यालयों में भी लागू किए जाने की कवायद शुरू हो गई है।