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सेठ पदमचंद इस्टीट्यूट के 95-98 बेच के विद्यार्थियों ने मनाई सिल्वर जुबली, स्टूडेंट लाइफ की यादें हुईं ताज़ा

by pawan sharma

आगरा। यादों की ताजगी ने एक बार फिर मानों स्टूडेंट लाइफ को जीवन्त कर दिया। व्यवसायिक जीवन की परिपक्वता सीखने के साथ चाय की चुस्कियां, और शरारतें भी याद आ गईं। बेशक आज बड़े व्यवसायी और बड़ी कम्पनियों के अधिकारी बन गए, मगर इंस्टीट्यूट में कदम रखते ही विद्यार्थी जीवन का संकोच और परीक्षा देते समय का डर भी मानों साथ आ गया। पुराने यार मिले तो गुड आफ्टरनून से गुड गुड ईवनिंग कब हो गई बता ही नहीं चला। कुछ ऐसा ही नजारा था आज सेठ पदमचंद इंस्टीट्यूट के 95-98 बेज की सिल्वर जुबली कार्यक्रम में, जिसमें भाग लेने के लिए देश के विभिन्न प्रांतों से पूराने छात्र छात्राएं शामिल होने पहुंचे।

कार्यक्रम का शुभारम्भ इंस्टीट्यूट के निदेशक प्रो. बृजेश रावत, प्रो. पीएन अस्थाना, एड. दीपक माहेश्वरी, संजीव गुप्ता ने मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर किया। अतीत के पन्नों में दबी यादों को जब स्मृतियों ने उकेरा तो गर्ल्स गैंग की गीता, जूली, प्रतिमा, सीमा के साथ शाम को क्लास खत्म होने के बाद खंदारी चौराहे पर चाय की चुस्कियां और शरारतें भी याद आ गईं। पहली केस स्टडी के बाद प्रो. अस्थाना का चाय पिलाना, फ्रेशर पार्टी के साथ हर खट्टी मीठी यादों को याद कर पुराने दोस्त खूब खिलखिलाए। गाजियाबाद से आए ज्योति दीपक वाष्णेय ने हर शिक्षक का नाम लेकर याद किया। संस्थान की वर्तमान फैकल्टी के सभी शिक्षकों व सिल्वर जुबली कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे 95 बेज के विद्यार्थियों को स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया। संचालन सीमा सिंह ने किया। इस अवसर पर मुख्य रूप से समीर सक्सेना, सुहैल खान, अनुज गुप्ता, राजीव मित्तल, हेमन्त कुमार वर्मा, शाह अहमद, चित्रांगद सिंह, पवन बत्रा, प्रमेन्द्र अग्रवाल आदि उपस्थित रहे।

एड दीपक माहेश्वरी ने हैलो मिनरल वॉटर से शुरु किया कैरियर आज पीएमसी टैक्स डिया फर्म तक पहुंच गया। इंस्टीट्यूट शुरु होने के बाद हमारा दूसरा बैच था जिसने हमें मैनेजमेंट के साथ व्यवसायिक जीवन की परिवपक्वता को सीखा। उन्होंने संस्थान के निदेशक प्रो. बृजेश रावत को वर्तमान में स्टीट्यूट के विद्यार्तियों के बेहतर भविष्य की हर सम्भव मदद का आश्वासन दिया।

संजीव गुप्ता नुनिहाई में बर्तनों की मैन्यूफैचरिंग यूनिट चला रहे हैं। कहा कि विद्यार्थी जीवन में मौजमस्ती करने वाले सभी दोस्त आज मिले तो मानों कालेज लाइफ का वही समय लौट आया। कहा कि इंस्टीट्यूट में पढ़ाई का नतीजा है कि टाइम एंड वर्क मैनेजमेंट के साथ अकाउंड में भी मदद मिली। मैंने कभी कोई अकाउंटेंट नहीं रखा।

गीता शर्मा ने अपने साथियों को चाय की चुस्कियों से लेकर फ्रेशर पार्टी तक की हर यादों को अपने साथियों को याद दिला कर खूब गुदगुदाया। कोका कोका में एरिया मैनेजर, टाटा इंडीकोम में नौकरी करने के बाद आज वह अपने शहर के इंद्रभान गर्ल्स इंटर कालेज में शिक्षा प्रदान करने के साथ उसे आगे बढ़ाने के लिए भी प्रयास कर रही हैं।

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