मथुरा। वाइल्डलाइफ एसओएस और उत्तर प्रदेश वन विभाग द्वारा किए गए 10 घंटे के लंबे संयुक्त रेस्क्यू ऑपरेशन में, एक नर तेंदुए को गोवर्धन, मथुरा जिले से बचाया गया। तेंदुए को बाद में सहारनपुर के शिवालिक वन छेत्र में छोड़ा दिया गया।
सोमवार को गोवर्धन के निवासियों के लिए भयानक एवं डर से भरी रही, जब उन्होंने शहर के बीचों बीच एक तेंदुए को घूमते हुए देखा। लोगों से घबरा कर तेंदुआ सड़क के नीचे से हो कर जा रही एक पुलिया के अन्दर घुस गया। आनन फानन में घटना की सूचना तुरंत वन विभाग और आगरा स्थित एनजीओ वाइल्डलाइफ एसओएस को दी गई, जिसके बाद वन्यजीव संरक्षण संस्था ने अपनी रैपिड रेस्पोंस यूनिट को घटनास्थल के लिए रवाना कर दिया।
सुरक्षा जाल, पिंजरे और पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट (पीपीई) से लैस 8 सदस्यी रेस्क्यू टीम तुरंत ही वन विभाग के अधिकारियों के साथ घटनास्थल के लिए रवाना हो गई। तेंदुए जैसे खतरनाक जंगली जानवर को रेस्क्यू करते वक़्त अपनी एवं वहां मौजूद लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए टीम ने सावधानी बरती। उन्होंने तेंदुए को लुभाने के लिए पिंजरे में खाने के समान का इस्तेमाल किया जिससे बिना कोई नुकसान के रेस्क्यू ऑपरेशन को सफल्तापूर्वक पूरा किया जा सके।
डॉ. यदुराज खडपेकर, सहायक निदेशक – वेटरनरी सर्विस, वाइल्डलाइफ एसओएस, ने कहा, “हमने क्षेत्र के चारों ओर सुरक्षा जाल लगाए और पुलिया के दोनों छोर पर दो पिंजरे रखे। तेंदुए के रेस्क्यू ऑपरेशन खतरनाक हो सकते है और लोगों के साथ-साथ जानवर की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सावधानीपूर्वक रेस्क्यू ऑपरेशन को अंजाम दिया। काफी लम्बे इंतज़ार के बाद आखिरकार तेंदुआ एक पिंजरे में आ गया।”
वन विभाग और वाइल्डलाइफ एसओएस टीम द्वारा तेंदुए को सावधानीपूर्वक सहारनपुर स्थानांतरित कर दिया गया, जहां मंगलवार सुबह उसे शिवालिक वन छेत्र में छोड़ दिया गया।