आगरा। भारत-ऑस्ट्रेलिया साहित्य सेतु संस्था की ओर से शहर के वरिष्ठ कवि अनिल कुमार शर्मा के निवास स्थान पाटलीपुत्र नगर-दयाल बाग में एक काव्य संध्या व सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इस काव्य धारा समारोह में शहर भर के वरिष्ठ साहित्यकारों और कवियों ने शिरकत की और अपनी काव्य रचनाओं से समा बांधा। इस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में सेंट जॉन्स कॉलेज के पूर्व हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ भगवान शर्मा पहुँचे और इसकी अध्यक्षता अंतरराष्ट्रीय कवि प्रोफेसर सोम ठाकुर ने की।
इस कार्यक्रम के दौरान भारत-ऑस्ट्रेलिया साहित्य सेतु संस्था, अंतरराष्ट्रीय हिंदी समिति, हिंदी साहित्य सभा व अखिल विश्व हिंदी समिति जैसी वैश्विक हिंदी संस्थाओं ने उन्नायक अप्रवासी भारतीय कवि गोपाल बघेल ‘मधु’ (कनाडा) को हिंदी भाषा व हिंदी साहित्य के प्रचार प्रसार में गोपाल बघेल ‘मधु’ जी को सम्मानित किया गया। इस सम्मान को पाकर गोपाल बघेल ‘मधु’ उत्साहित दिखी। मुख्य अतिथि भगवान शर्मा ने उनके हिंदी प्रचार प्रसार में चल रही भूमिका को प्रशंसनीय बताते हुए उनके सम्मान को आगरा के लिए गौरवपूर्ण क्षण बताया। उनके इस गीत पर सब वाह वाह कर उठे- ‘क्या बतलाएं हमने कैसे सांझ सवेरे देखे हैं। सूरज के आसन पर बैठे घने अंधेरे देखे हैं’।
भारत-ऑस्ट्रेलिया साहित्य सेतु के संस्थापक व कार्यक्रम संयोजक अनिल कुमार शर्मा ने पकड़म पकड़ाई कविता से खास रिश्तो में प्रेम को सहेजने की सीख देकर वाहवाही लूटी। वरिष्ठ कवि व हिंदुस्तानी अकादमी के सदस्य राज बहादुर सिंह राज ने चेतना के तार झकझोरे-‘ समय के धरातल पर बात हुई अनहोनी. केसर की क्यारी में उग आई नागफनी कविता से समा बांधा।
इस दौरान सम्मानित कवि गोपाल बघेल मधु, डॉ राजेंद्र मिलन, डॉक्टर राजकुमार रंजन, अंग्रेजी कवि राजीव खंडेलवाल, सुशील सरित, परमानंद शर्मा, नूतन अग्रवाल ज्योति व कुमार ललित की कविताएं भी सराही गई।