Agra. छोटे छोटे बच्चे नशे की जद में आ रहे हैं। ये बच्चे शराब स्मोकिंग,भांग का नशा नहीं करते बल्कि इनके नशे का समाना तो कुछ ओर है जिसे सुनकर आप भी चौक जाएंगे। साईकल के पंचर जोड़ने के काम आने वाले सोल्यूशन से ये बच्चे नशा करते हैं। ये बच्चें पंचर बनाने वाले सोल्यूशन को रुमाल में लेकर मुंह से सूंघते हैं और इससे उन्हें नशा हो जाता है। सोल्यूशन से नशा करने वाले अधिकतर बच्चे कूड़े बीनने वाले होते हैं जो दिन भर कूड़ा बीनते हैं या फिर स्टेशनों व गलियों में छोटी मोटी चोरी करते हैं।
थाना एत्माउद्दौला रामबाग़ क्षेत्र में कबाडियों के आस पास छोटे छोटे बच्चों को देखा जा सकता है जिनमें कबाडा बीनने बाले बच्चों की संख्या अधिक है। इनकी उम्र सिर्फ 8 से 10 और 12 वर्ष ही होगी। यहाँ पर यह बच्चे दिनभर जो कबाड़ा बीनता है, उसे बेचते है और फिर उसके बदले में उन्हें कबाड़ी वाला कबाड़े के बदले में इन बच्चों को पंचर जोड़ने वाला सोल्यूशन, इलेक्ट्रॉनिक आइटम चिपकाने वाला सोल्यूशन देते है जिसे ये छोटे बच्चे कपड़े में निकाल कर नांक द्वारा सेवन करते हैं।
दिन में कबाड़ा बीनने के बाद और हर रोज शाम को इन बच्चों की महफिल सजती है। जहां पर सभी बच्चे एकत्रित होकर सोल्यूशन को रुमाल में लगाकर उसे सूंघकर नशा करते हुए नजर आते है। इस नशे के कारण इन बच्चों की जिंदगी खराब हो रही है। ऐसा नहीं है कि इसकी जानकारी क्षेत्रीय पुलिस को न हो लेकिन इस संबंध में पुलिस तो कोई कार्रवाई करती ही नहीं, वहीँ सामाजिक संस्थाओं ने भी ऐसे बच्चों की कोई सुध नहीं ली है जिससे इस नशे के कारण बच्चों का बालपन और उनका भविष्य पूरी तरह से खराब हो रहा है।