आगरा। देश व प्रदेश की सरकार नौनिहालों को हरसंभव शिक्षा देने के लिए अथक प्रयास कर रही है लेकिन जिनके कंधों पर शिक्षा बांटने का जिम्मा है वही शिक्षक अपने कर्तव्य से भटक काली कमाई कमाने में लगे हुए हैं। ताजा मामला आगरा के एत्मादपुर का है जहां एक मैजिक में भरी हुई सरकारी किताबों को कबाड़ी की दुकान पर बेचने के लिए एक शिक्षक ने भेज दिया। लेकिन कबाड़ी वाले ने सरकारी किताबों को लेने से मना कर दिया।
दरअसल बरहन क्षेत्र की कई सरकारी स्कूलों से पिछले सत्र की किताबों को एबीएसए कार्यालय एत्मादपुर में जमा करने के नाम पर एत्मादपुर लाया गया। लेकिन किताबों से भरा मैजिक एबीएसए कार्यालय ना पहुंच कबाड़ी की दुकान पर पहुंच गया। इस बात की सूचना आसपास के लोगों ने मीडिया कर्मियों को दे दी। मीडिया को देख मैजिक कार ड्राइवर गाड़ी लेकर हाईवे पर आ गया। लेकिन कैमरे में रिकॉर्ड होने की बात समझ में आने पर ड्राइवर और उसमें बैठे एक अन्य व्यक्ति ने सभी किताबों को हाईवे पर मैजिक से फेंक दिया जिससे 1 किताबों का बड़ा ढेर इकट्ठा हो गया।
किताबों के बीच सड़क पर पड़ा होने की जानकारी उप जिलाधिकारी एत्मादपुर को लगी तो उन्होंने थाना पुलिस को सूचित किया। इसके बाद डायल हंड्रेड बाइक मौके पर पहुंची और दोबारा सभी किताबों को मैजिक में भरवा कर थाने ले आई।
इस बीच एबीएसए कार्यालय के कई कर्मचारी भी किताबों को देखने पहुंचे और ड्राइवर के रास्ता भटक जाने का बहाना बनाने लगे और मीडिया द्वारा पूरी जानकारी मांगे जाने पर मुंह छुपा कर भागने लगे। तभी एक शिक्षक खुद को एनबीआरसी बताते हुए बोले कि उनका नाम निश्चल सिंह है और वह बरहन के नगला वेल न्याय पंचायत के सरकारी स्कूलों के इंचार्ज हैं। उन्होंने ही मैजिक में सभी किताबें भरवा कर एबीएसए कार्यालय के लिए भेजी थी। लेकिन इस बात का एबीएसए द्वारा नियमानुसार प्राप्त रसीद दी जाती है जो वह नहीं दिखा सके।
उनका कहना था किसके बल मौके के आदेश पर ही उन्होंने किताबें भिजवाई थी। वहीं जब इस संबंध में ड्राइवर ने बताया कि एनपीआरसी निश्चल सिंह ने ही कही थी।

बीच हाइवे पर पड़ा सरकारी किताबों का ढेर
हद तो तब हो गई जब एसडीएम एत्मादपुर अंबरीश कुमार बिंद द्वारा एबीएसए एत्मादपुर बृजराज सिंह को फोन पर वार्ता कर पूरी घटना से अवगत कराए जाने के बाद भी थाने पर खड़ी किताबों से भरी गाड़ी को देखने के लिए एबीएसए नहीं पहुंचे जिससे एसडीएम एत्मादपुर का पारा हाई हो गया और एनपीआरसी पर भड़क गए। इस संबंध में उपजिलाधिकारी एत्मादपुर से जब बात की गई तो उन्होंने बताया कि मीडिया कर्मियों के माध्यम से मामले की जानकारी हुई है। गाड़ी को थाने पर खड़ा करवा दिया गया है। बीएसए आगरा से इस संबंध में वार्ता भी है। जांच की जा रही है जो भी दोषी होगा अवश्य कार्रवाई की जाएगी।
सरकारी किताबों को कबाड़े में बेचने की खबर से शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा हुआ है तो वहीं शिक्षा अधिकारी सत्ता की राजनीति के दबाव में कोई बड़ी कार्यवाही करने से कतरा रहे हैं। अब देखना है कि शिक्षा के इन सौदागरों को बीएसए क्या सजा देते हैं या अभय दान देकर इनका हौसला अफजाई करते हैं।