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महाराजा नाहरसिंह व सर छोटूराम को किया याद

by pawan sharma

मथुरा। महाराजा सूरजमल स्मृति मंच द्वारा स्थानीय होटल बृजधाम में 1857 के महान क्रांतिकारी राजा नाहरसिंह का बलिदान दिवस व महान विचारक सर चौधरी छोटूराम का निर्वाण दिवस मनाकर उन्हें श्रद्धाजंलि अर्पित की गयी।

इस अवसर पर डॉ जे एस जाट ने महाराजा नाहरसिंह के व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि राजा साहब ने मात्र 13 वर्ष की उम्र में शेर को मार गिराया था जिसके बाद उनका नाम कुंवर नरसिंह से नाहरसिंह रखा गया।

पूर्व मंत्री चौधरी सरदार सिंह ने भी राजा साहब की वीरता व युद्ध कौशल के किस्से सुनाए। चौ. धर्मसिंह ने बताया कि उस युग मे सर छोटूराम जैसा दार्शनिक व विचारक कोई दूसरा नहीं था। भारत में कृषि मंडियों की नींव उन्ही के क्रांतिकारी विचारों से रखी जा सकी। लड़कियों की शिक्षा की प्रबल पैरवी और महाजनों पर अंकुश लगाकर किसानों को बचाने का दर्शन भी सर छोटूराम की देन है।

सभा का संचालन करते हुए चौ.विजय आर्य ने बताया कि अंग्रेजों ने 1858 में आज ही के दिन राजा साहब को उनके एक वाल्मीकि, एक सैनी व एक अन्य साथी के साथ फांसी पर लटकाया था। जब तक राजा नाहरसिंह बहादुरशाह जफर के साथ थे तब तक अंग्रेज दिल्ली नहीं पहुंच पाए।

सभा में सर्वश्री रत्नेश चौधरी, जगवीर सिंह चौधरी, लाल सिंह आर्य, कुलवीर सिंह अग्रे, यशपाल सिंह, केशव सिंह आर्य, बहादुर सिंह चौधरी, सीपी सिंह सिकरवार, जुगेंद्र सिंह, नागेन्द्र कुमार आदि रहे। सभा की अध्यक्षता चौधरी सरदार सिंह ने व धन्यवाद आर बी चौधरी ने दिया।

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