आगरा। प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस (PMSMA) 10 अगस्त को मनाया जायेगा और इसी दिन लाभार्थियों को रिप्रोडक्टिव चाइल्ड हेल्थ (आरसीएच) नंबर मौके पर ही उपलब्ध करा दिया जाएगा। उन्हें बैंक का खाता खुलवाने के लिए चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा बल्कि खाता भी आसानी से खुल जाएगा। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन-उत्तर प्रदेश की मिशन निदेशक अपर्णा उपाध्याय ने सीएमओ को पत्र भेजा है, जिसमें बताया गया है कि हर माह की 9 तारीख को आयोजित होने वाला प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस इस बार बड़े स्तर पर मनाया जाएगा।
पीएमएसएमए दिवस पर गर्भवती को कई तरह की जांचों की सुविधा दिए जाने की तैयारी है। उनका ब्लड टेस्ट, यूरिन टेस्ट, ब्लड प्रेशर, हीमोग्लोबिन और अल्ट्रासाउंड जाँच की सुविधा नि:शुल्क मुहैय्या कराई जाती है। तेज बुखार, दौरे पड़ने, उच्च रक्तचाप, योनि से स्राव, त्वचा के पीलापन, हाथ-पैरों में सूजन, तेज सिरदर्द, धुंधला दिखने आदि समस्या होने पर एचआरपी के तौर पर चिन्हित किया जाता है औऱ उनका निस्तारण किया जाता है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा.अरूण कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि स्वैच्छिक सेवाओं के लिए पंजीकृत निजी चिकित्सकों को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस पर अपनी सेवाएं देने के लिए व्यक्तिगत रूप से आमंत्रित किया जाएगा।
राजकीय स्वास्थ्य मिशन के नोडल अधिकारी/एसीएमओ आरसीएच डा.संजीव बर्मन ने बताया कि इस दिन आरसीएच नंबर पंजीकरण के लिए विशेष काउंटर लगाया जाएगा। जिन लाभार्थियों के पास आरसीएच नंबर नहीं है। उनका तत्काल पंजीकरण कराकर नंबर उपलब्ध कराया जाएगा।
जिला मातृत्व स्वास्थ्य परामर्शदाता संगीता भारती ने बताया कि पीएमएसएमए दिवस में प्रभारी चिकित्सा अधिकारी द्वारा बैंक के साथ समन्वय स्थापित करते हुए विशेष काउंटर लगाया जाएगा। जिन लाभार्थियों के खाते नहीं हैं। उन्हें तत्काल बैंक खाता खोलने की सुविधा दी जाएगी। इसके लिए संबंधित आशाओं को बैंक खाता खोले जाने संबंधित प्रपत्र साथ लाने के लिए निर्देशित किया है।
गर्भवती की सभी जांचें होती हैं
-प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस पर गर्भवती को विशेष सुविधा दी जाएगी। उनकी जांचें कराई जाएंगी। उसके लिए उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था (एचआरपी) को चिन्हित कर परामर्श दे दिया जाता है कि उनका प्रसव उच्च चिकित्सा इकाई पर होगा।
आरसीएच नंबर के बारे में जानें
आरसीएच नंबर और बैंक खाता होने से गर्भवती को काफी ज्यादा लाभ है। स्वास्थ्य इकाई पर उन्हें संस्थागत प्रसव कराने पर 48 घंटे के भीतर लाभार्थी के खाते में भुगतान पहुंच जाएगा। जननी सुरक्षा योजना के तहत लाभार्थी प्रसूता को शहरी क्षेत्र में 1000 रुपये और ग्रामीण क्षेत्र में 1400 रुपये देने का प्रावधान है।