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बस में सीट पाने की जद्दोजहद में जान जोख़िम में डाल रहे यात्री, देखें ये नज़ारा

by admin
Passengers risking their lives in the struggle to get a seat in the bus, see this view

Agra. शुक्रवार को ईदगाह बस स्टैंड का नजारा जिसने भी देखा वह दंग रह गया। घंटों इंतजार के बावजूद बस न मिलने से यात्री बेहाल थे तो कुछ लोग बस में सीट पाने के लिए जान हथेली पर रखकर सीट के लिए जद्दोजहद करते हुए नजर आए। जो लोग परिवार के साथ सफर करना चाहते थे उनके लिए तो यह वक्त और ज्यादा मुश्किल भरा था। सीट के लिए जद्दोजहद का यह नजारा जिसने भी देखा उसके मुख से सिर्फ है राम या फिर या अल्लाह शब्द ही सुनाई दे रहा था।

Passengers risking their lives in the struggle to get a seat in the bus, see this view

शुक्रवार को ईदगाह बस स्टैंड पर अन्य दिनों की अपेक्षा बसों का टोटा सबसे अधिक देखने को मिला। ईदगाह बस स्टैंड पर राजस्थान डिपो की ही बसे नजर आई और वो भी घंटो बाद, लेकिन इस बीच यूपी रोडवेज की बसें तो दिखाई भी नहीं दी। घंटों बाद जैसे ही राजस्थान डिपो की बस आई लोगों ने जयपुर भरतपुर इस रूट पर जाने वाले यात्रियों ने दौड़ लगाना शुरू कर दिया। आलम यह हुआ कि बस से यात्री उतरे ही नहीं कि बस में सीट पाने की जद्दोजहद शुरू हो गई। कुछ यात्रियों ने तो सीट पाने के लिए अपनी जान तक जोखिम में डाल दी। यात्री जान हथेली पर रखकर बस की खिड़की से ही सीट पाने की जद्दोजहद में चढ़ने लगे। कुछ यात्री तो फंस भी गए तो कुछ के चोटे भी आई लेकिन सीट पाने के लिए उन्हें यह दर्द भी दिखाई नहीं दिया।

सहालग ने बढ़ाई मुश्किलें

बताया जाता है कि शुक्रवार को लोग अपनी रिश्तेदारी में शादी समारोह में जाने के लिए निकले थे लेकिन ईदगाह बस स्टैंड पर उन्हें बस भी नहीं मिल रही थी। यूपी रोडवेज की लगभग बसें पहले ही चुनावी ड्यूटी में लगी हुई हैं और शेष बसों से ही पूरे रीजन की व्यवस्था संभाली जा रही है। ऐसे में बसों की कमी पर सहालग ने रोडवेज यात्रियों की मुश्किलें और बढ़ा दी। यात्रियों को घंटों बाद भी बसें नहीं मिल रही थी। यात्रियों का कहना था कि ऐसा लग रहा है कि सहालग के चलते रोडवेज बसों की कमी ने यात्रियों के जले पर नमक छिड़क दिया हो।

ईदगाह बस स्टैंड पर मौजूद एक यात्री ने बताया कि वह इटावा से आया है और उसे भरतपुर जाना है। घंटों देरी से बसे मिल रही हैं। उसके सामने राजस्थान डिपो की 3 से 4 बसें निकल गई लेकिन उन बसों में उसे सीट भी नहीं मिली। यात्रियों की भीड़ इतनी ज्यादा है कि दो 2 घंटे के अंतराल पर आ रही बसें भी हाल भर जाती हैं और बसों में पैर रखने की भी जगह नहीं होती।

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