आगरा। कोटा बैराज उफान पर। 11 गेट खोलकर छोड़ा गया एक लाख 25 हजार क्यूसेक पानी। प्रशासन ने स्टीमर का संचालन कराया बंद। लोगों को बीहड़ में जाने से रोका।
आगरा जनपद के कस्बा पिनाहट क्षेत्र से सटी चंबल नदी में कोटा बैराज से पानी छोड़े जाने से नदी का जलस्तर बढ़ा है। तटवर्ती इलाकों को लेकर प्रशासन पूरी तरह अलर्ट हैं। नदी में स्ट्रीमर संचालन बंद होने से यात्री परेशान हैं।
आपको बता दें राजस्थान में बारिश के चलते कोटा बैराज उफान पर आ गया। जिसे लेकर एक साथ बैराज के 11 गेट खोलकर चंबल नदी में करीब 1 लाख 25 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। जिससे चंबल नदी का जलस्तर यकायक बढऩे लगा है।
बुधवार को पिनाहट घाट पर चंबल नदी का जलस्तर 121 मीटर तक पहुंच गया था। रात के समय चंबल नदी का पानी स्थिर हुआ 1 मीटर गिरावट आई जो के लेवल 120 मीटर रह गया। कोटा बैराज से छोड़ा पानी 3 दिन में पिनाहट घाट पहुंचता है। गुरुवार रात से पानी बढने की संभावना जताई जा रही है। फिलहाल खतरे की कोई आशंका नहीं है।
जल स्तर को लेकर चंबल पट्टी के तटवर्ती इलाकों के दर्जनों गांवों में बाढ़ के खतरे को लेकर प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट पर है। क्षेत्र की बाढ़ चौकियों से जलस्तर पर निगरानी बनाई जारही हैं। तहसील मुख्यालय पर कंट्रोल रूम बनाया गया है।
आमजन को नदी के बीहड़ी इलाकों में जाने से रोकने के निर्देश दिए हैं। चंबल नदी के जलस्तर का चेतावनी स्तर 127 मीटर है। खतरे के निशांत से 10 मीटर नीचे चंबल नदी बह रही है। वहीं पिनाहट उसेथ घाट पर सुरक्षा दृष्टि को लेकर प्रशासन द्वारा स्टीमर संचालन पूर्ण रुप से बंद करा दिया गया है। जिसके चलते सुबह से शाम तक उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश को आवागमन करने वाले लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। स्टीमर बंद होने से लोग अपने घर वापस लौट गए।