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पर्यावरण संतुलन पर अंतरराष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन, वैकल्पिक ईंधन और आर्गेनिक फ़ूड के इस्तेमाल पर दिया ज़ोर

by admin

आगरा। लॉकडाउन 5 के बीच आगरा कॉलेज, आगरा के बायोटेक्नोलॉजी विभाग ने अंतरराष्ट्रीय वेबिनार का सफल आयोजन किया। शुभारम्भ प्राचार्य डा विनोद माहेश्वरी ने किया।वेबिनार के विषय “बैलेंसिंग विथ नेचर: थ्रू द स्पेक्टकल्स ऑफ साइंस” पर डॉ आर.एम.एस.सेंगर, रिटायर्ड एसोसिएट प्रोफेसर, वनस्पति विभाग ने मुख्य वक्ता के रूप में उद्धबोधन दिया।

उन्होंने कहा कि हमें प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाना है। उनके अनुसार एक बड़ा पेड़ पांच एयर कंडीशनर के बराबर कूलिंग करता है तो पेड़ लगाना बहुत आवश्यक है ही, साथ ही अंत्येष्टि में लकड़ी के बजाये गाय का गोबर व पूताली का उपयोग किया जाए जिससे पेड़ भी बचेंगें और प्रदूषण भी कम होगा। ऋषि भारद्वाज द्वारा विमान शास्त्र में उपयोग किये गए ईंधन को आज के परिप्रेक्ष के साथ जोड़ा कि कैसे विमानों में वैकल्पिक ईंधन को उपयोग करके पर्यावरण को बचाया जा सकता हैं। अंत मे उन्होंने कहा कि आगे हमें हफ्ते में दो दिन लोकडाउन में रहना चाहिए ताकि प्रकृति को स्वयं को शुद्ध करने का समय मिल सके। इसके साथ ही कई अन्य बहुत महत्वपूर्ण जानकारी भी साझा की।

विशिष्ट अतिथि प्राची चोपड़ा जो टेक्सास, USA. के कम्युनिटी कॉलज में कार्यरत हैं, उन्होंने आर्गेनिक व कन्वेंशनल फ़ूड के बारे में बताया कि इस कोविद 19 विपत्ति में आर्गेनिक फ़ूड हमें कैसे स्वस्थ रखने में कारगर साबित होगा।

ईशा सिंह जो मलेशिया में फ़ूड इंडस्ट्री में रिसर्च एंड डेवलोपमेन्ट मैनेजर है, ने बताया कि किस प्रकार सस्टेनेबल पैकेजिंग में बायोटेक्नॉलोजी का प्रयोग किया जा सकता है। उन्होंने बच्चों को प्रेरित किया कि कैसे बायोटेक्नॉलजी के छात्र इसमें अपने लिए अवसर खोज सकते हैं।

अंत में आगरा कॉलेज के ही रसायन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ अमित अग्रवाल ने पर्यावरण संरक्षण में प्राचीन भारत की भूमिका पर विस्तार से प्रकाश डाला।

कार्यक्रम का सफल संचालन बायोटेक्नॉलजी विभाग की अस्सिस्टेंट प्रोफेसर, डॉ यशस्विता चौहान ने किया। बायोटेक्नोलोजी विभागाध्यक्ष डॉ अशोक उपाध्याय, डॉ संध्या अग्रवाल, डॉ नीता रानी, डॉ दिव्या अग्रवाल, डॉ प्रशांत पचोरी, डॉ सत्यदेव शर्मा ने कार्यक्रम को निर्बाधित पूर्ण करने में सहयोग किया।

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