आगरा। पूरे विश्व में कोरोना वायरस (कोविड-19) फैला हुआ है। देश में इसे महामारी घोषित कर दिया गया है, पूरे शहर को लाॅकडाउन कर दिया गया है, लोगों को घर में रहने की हिदायत दी गई है। सभी लोग घरों में बंद हैं। प्रशासन द्वारा उनकी सतत निगरानी भी की जा रही है। भीड़ भाड़ वाले स्थानों पर लोगों का आना जाना प्रबिंधित कर दिया गया है। सभी स्मारक बंद कर दिए गए है। लोगों को सावाधानी बरतने की अपील की जा रही है लेकिन वहीं दूसरी ओर फुटपाथ पर रहने वाले बच्चों पर ध्यान नहीं दिया गया है। ये बच्चे भी संक्रमित हो सकते हैं।
इन बच्चों को सुरक्षित करने के लिए चाइल्ड राइट्स एक्टिविस्ट एवं महफूज सुरक्षित बचपन के को-आर्डिनेटर नरेश पारस ने डीएम, महापौर तथा मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा है कि लावारिस और बेसहारा बच्चे बड़ी संख्या में रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, फुटपाथ तथा स्मारकों के पास सड़क पर रहते हैं जिनमें आगरा कैंट रेलवे स्टेशन, राजा की मंडी रेलवे स्टेशन, आगरा फोर्ट रेलवे स्टेशन, ईदगाह रेलवे स्टेशन, आईएसबीटी, ईदगाह बस स्टैंड, बिजलीघर बस स्टैंड, आगरा फोर्ट, सिकन्दरा, एत्माद्दौला, भगवान टाकीज चैराहा, रामबाग चैराहा, सदर आदि स्थानों पर बच्चे रहते हैं और वहीं सोते हैं। ये बच्चे कचरा बीनते हैं, समूहों में रहते हैं। जब पूरे देश में सतर्कता बरती जा रही है तो इन बच्चों को उसमे शामिल करने की आवश्यकता है। ये बच्चे भी कोरोना वायरस से संक्रमित हो सकते हैं। जब वह संक्रमित हो गए तो वह अन्य लोगों को भी संक्रमित कर सकते हैं।
नरेश पारस ने मांग की है कि रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, फुटपाथ तथा स्मारकों के पास सड़क पर रहने वाले बच्चों को चिन्हित किया जाए। उनकी जांच कराई जाए। उनको शेल्टर होम भिजवाया जाए जहां उनकी निगरानी की जाए। उनको भोजन दिया जाए। उनको कोराना (कोविड-19) के प्रति जागरूक किया जाए जिससे बच्चों को कोरोना (कोविड-19) जैसी जानलेवा बीमारी से बचाया जाए तथा इस बीमारी को फैलने से रोका जाए। शेल्टर होम न होने की स्थिति में नगर निगम द्वारा अस्थाई शेल्टर होम बनवाया जाए।