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कोविड जांच के लिए नई तकनीक को ICMR ने दी मंजूरी, 15 सेकंड में हो सकेगा RT- PCR टेस्ट

by admin
Normal figures recorded on Wednesday also, number of active patients 161

कोरोना की जांच में अब RT-PCR के लिए स्वाब टेस्ट की आवश्यकता नहीं होगी ।बता दें केवल कुल्ला करने से ही यह जांच सुगमता से की जा सकेगी। दरअसल इस जांच के लिए इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने अब मंजूरी दे दी है। कुल्ला करने के 15 सेकंड में आरटी- पीसीआर टेस्ट किया जाएगा।कोरोना महामारी के बीच देश भर में रोजाना लाखों की संख्या में कोविड जांचें हो रही हैं, ऐसे में मरीज को जल्दी रिपोर्ट मिलना भी जरूरी है ताकि जल्द से जल्द इलाज किया जा सके।

पिछले एक साल में कई बार कोरोना जांच के रिकॉर्ड्स भी बने हैं। पर लोगों का ज्यादा भरोसा आरटी-पीसीआर जांच पर होता है, लेकिन अब नागपुर के नेशनल एनवायरमेंटल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों ने काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च के तहत एक ऐसी तकनीक खोज निकाली है, जिसकी मदद से सिर्फ तीन घंटे में ही कोरोना पॉजिटिव और नेगेटिव होने का पता चल सकेगा। इसमें गरारा करके कोरोना के बारे में पता लगाया जा सकेगा।जैसा कि आप जानते ही हैं कि RT-PCR जांच के लिए व्यक्ति के नाक और गले से सैंपल लिया जाता है।

अब नए ‘सेलाइन गार्गल’ में एक ट्यूब शामिल होगा। सेलाइन को मुंह में रखकर 15 सेकंड तक गरारा करना होगा इसके बाद लिक्विड को ट्यूब में थूक देकर जांच के लिए भेजा जा सकेगा। वहीं लैब में जाने के बाद इस सैंपल को नीरी द्वारा तैयार किए गए विशेष सॉल्यूशन में रूम टेंपरेचर पर रखा जाएगा। मिली जानकारी के मुताबिक सॉल्यूशन के गर्म होने पर आरएनए टेंपलेट तैयार होंगी। जिसके बाद सॉल्युशन को आरटी-पीसीआर के लिए ले जाया जाएगा। काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च द्वारा तैयार की गई इस तकनीक से मात्र 3 घंटे में व्यक्ति की कोरोना रिपोर्ट आ सकेगी। बता दें केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने इस तकनीक को रिमार्कबल इनोवेशन करार दिया है। उन्होंने आगे कहा, ”यह स्वैब फ्री तकनीक गेम-चेंजर साबित हो सकती है।”

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