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गुड़गांव की पोइट्री सोसाइटी ऑफ इंडिया ने राजीव खंडेलवाल की तीन काव्य संग्रह को किया प्रकाशित

by admin
Gurgaon's Poetry Society of India publishes three poetry collections of Rajiv Khandelwal

आगरा। ताजनगरी के राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त अंग्रेजी कवि राजीव खंडेलवाल ने बाल, किशोर और युवाओं को ध्यान में रखकर उनके स्वस्थ मनोरंजन और ज्ञानवर्धन के लिए डेढ़ सौ कविताओं का सृजन किया तो गुड़गाँव की पोइट्री सोसाइटी ऑफ इंडिया ने इन कविताओं के तीन काव्य संग्रह प्रकाशित कर उनकी अभिव्यक्ति को विस्तार दे दिया।

“क्रेजी क्लास”, “एडवेंचर” और “मैजिक ममेंट्स” शीर्षक से प्रकाशित इन पुस्तकों के संबंध में हैदराबाद स्थित नालंदा एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस की प्रिंसिपल डॉ. जूलिया देवर्धि ने लिखा है कि राजीव खंडेलवाल की बच्चों के लिए लिखी हर कविता ज्ञान का एक मोती है। ये कविताएँ बच्चों को काव्य के आनंद के साथ बुद्धिमत्ता भी प्रदान करेंगी। कविताओं में चयनित शब्दों और उनके तुकान्तों से निसृत संगीत बच्चों को बार-बार इन कविताओं को दोहराने के लिए विवश करेगा।

डॉ. जूलिया लिखती हैं कि भाषा की स्पष्टता, विषयगत विविधता, सरल और रोचक थीम, प्रयुक्त शब्दों की ध्वनि में निहित कर्ण प्रिय गेयता और कविताओं में प्रतिबिंबित दैनिक जीवन की झाँकियाँ सहज ही मन मोह लेती हैं। गौरतलब है कि राजीव खंडेलवाल की कविताओं के पाँच संग्रह पहले ही प्रकाशित हो चुके हैं। इन संग्रहों में दर्ज अधिकांश कविताएँ पुस्तकाकार होने से पूर्व ही देश-दुनिया की महत्वपूर्ण अंग्रेजी पत्रिकाओं, जर्नल्स और साझा संग्रहों में प्रकाशित होकर राष्ट्रीय- अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसा पा चुकी हैं।

जाने-माने अंग्रेजी विद्वान और साहित्यकार डॉ. सोम.पी. रंचन, डॉ. भूपेंद्र परिहार और डॉक्टर वी. वी. बी. रामाराव आपकी कविताओं पर अलग-अलग आलोचनात्मक विश्लेषण की पुस्तक लिख चुके हैं।
आपको पीसीके प्रेम द्वारा संपादित “समकालीन इंडियन इंग्लिश पोएट्री” के इतिहास में दर्ज किया गया है, वहीं इंटरनेशनल सूफी सेंटर और सूफी वर्ल्ड द्वारा राजीव खंडेलवाल को भारत के श्रेष्ठ 25 कवियों में चुना गया है। उनकी सर्जनात्मक उपलब्धियों को देखते हुए स्थानीय स्तर पर अमृता विद्या, एजुकेशनल एंड इम्मौरटल, सोसायटी द्वारा और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लेबनान की फाउंडेशन फॉर ग्रेटिस कल्चर द्वारा सम्मानित किया जा चुका है।

“कितना कठिन है प्रेम” राजीव खंडेलवाल की चुनिंदा प्रेम-कविताओं का हिंदी में अनुवाद है जो शीघ्र ही प्रकाशित होकर आने वाला है। कुछ कविताओं का अनुवाद विदेशी भाषा रोमा और चाइनीज़ में भी हो चुका है। उनकी अंग्रेजी कविताओं पर शोध-कार्य भी जारी है।

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