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विश्व भर के करीब 100 देशों में डेल्टा प्लस वेरिएंट का असर, कई देशों ने बढ़ाई पाबंदियां

by admin
Effect of Delta Plus variant in about 100 countries around the world, many countries increased restrictions

भारत में डेल्टा वेरिएंट के करीब 56 मामले दर्ज किए जा चुके हैं। मिली जानकारी के मुताबिक डेल्टा वेरिएंट्स देशभर के करीब 12 राज्यों में फैल चुका है।हालांकि अभी देश के कई राज्य ऐसे हैं जहां अभी भी लॉकडाउन लागू है या लॉकडाउन बढ़ा दिया गया है।बता दें हरियाणा में 12 जुलाई तक लॉकडाउन लागू है। वहीं तमिलनाडु में भी अभी पाबंदियां लगी हुई हैं। कर्नाटक, पंजाब, उड़ीसा , दिल्ली , पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश में आंशिक रूप से कोरोना कर्फ्यू लागू है। वहीं उत्तर प्रदेश में दो दिन की साप्ताहिक बंदी जारी है।

विश्व के ये देश डेल्टा वेरिएंट से प्रभावित

वहीं अगर बात की जाए विश्व स्तर की तो यूएस ,यूनाइटेड किंगडम, पुर्तगाल, स्विट्जरलैंड ,जापान ,पोलैंड ,नेपाल चीन, ब्रिटेन, बांग्लादेश, स्पेन, ब्राजील, थाईलैंड जिम्बाब्वे, श्रीलंका, पाकिस्तान, सिंगापुर, दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, अर्जेंटीना इंडोनेशिया और रूस में लगातार डेल्टा प्लस वेरिएंट के मामले बढ़ते जा रहे हैं। वहीं थाईलैंड, रूस ,बांग्लादेश, इंडोनेशिया, इजरायल और ऑस्ट्रेलिया में डेल्टा प्लस वेरिएंट के प्रकोप के मुताबिक लॉक डाउन की अवधि तय की गई है।

वेरिएंट ऑफ कंसर्न का कहर

दरअसल डब्ल्यूएचओ के मुताबिक , डेल्टा प्लस वेरिएंट इन देशों के साथ विश्व भर के करीब 100 देशों में अपना कहर बरपा रहा है।विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख टेड्रोस अदनोम घेबरेसर्स ने 100 देशों में फैल चुके डेल्टा वैरिएंट को लेकर विश्वभर के देशों के लिए चेतावनी जारी की है। उन्होंने कहा है कि अब तक ज्ञात सभी वैरिएंट में डेल्टा तेजी से फैलने वाला वैरिएंट है। इसलिए इसे वैरीअंट ऑफ कंसर्न की कैटेगरी में भी रखा क्या है।उन्होंने चिंता जताई है कि कुछ देशों में पाबंदियों में ढील दी जा रही है, जबकि कोरोना तेजी से दुनिया में फैल रहा है। डब्ल्यूएचओ से मिली जानकारी के मुताबिक यह एक सुपर स्प्रेडर वायरस है। जो तेज रफ्तार के साथ बढ़ता जा रहा है।

डेल्टा प्लस वेरिएंट और पाबंदियां

सबसे ताज़ा उदाहरण ऑस्ट्रेलिया का है। सिडनी शहर में एक साथ डेल्टा वेरिएंट से जुड़े अब तक 128 मामले सामने आ चुके हैं।बढ़ते संक्रमण के मामलों को देखते हुए सिडनी में 9 जुलाई तक लॉकडाउन लगा दिया गया है। रूस और ऑस्ट्रेलिया के कई राज्यों में पाबंदियां लगाना शुरू कर दी गई हैं। वहीं इंडोनेशिया और बांग्लादेश की हालत भी खस्ताहाल बनी हुई है। जिसके चलते समय की पाबंदी के साथ-साथ यहां होने वाली मौतों का आंकड़ा भी बढ़ता जा रहा है। इंडोनेशिया में विदेशों से आने वाले लोगों के लिए नए नियम लागू कर दिए गए हैं जिसके चलते कोरोना‌ वैक्सीन की दोनों डोज़ लेने के बाद ही इंडोनेशिया में प्रवेश किया जा सकता है। साथ ही कोविड टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव दिखाना भी जरूरी है। वहीं आने वालों को 8 दिन तक क्वॉरेंटाइन भी रखा जाएगा।इजराइल में भी कोरोना और‌ डेल्टा वेरिएंट का संक्रमण बढ़ता जा रहा है जिसके चलते पूर्व में वैक्सीन लगवा लेने वाले लोगों से आउटडोर मास्क ना पहनने पर छूट दे दी गई थी लेकिन जून के महीने में अचानक बढ़े मामलों के बाद इनडोर में मास्क लगाने की अपील की गई है।जबकि जर्मनी द्वारा ब्रिटेन, पुर्तगाल और कुछ अन्य देशों से यात्रा पर सख्त प्रतिबंधों में ढील दे दी गई है जो अधिक संक्रामक डेल्टा वायरस वेरिएंट के कारण लगाए गए थे।

डेल्टा वेरिएंट का पहला मामला भारत में हुआ था दर्ज

डब्ल्यूएचओ महानिदेशक ने कहा कि, “मैं जानता हूं कि अभी विश्वभर में डेल्टा स्वरूप को लेकर काफी चिंता है और डब्ल्यूएचओ भी इसे लेकर चिंतित है। कोरोना वायरस का डेल्टा स्वरूप सबसे पहले भारत में पाया गया।”

अगस्त के दूसरे सप्ताह में तीसरी लहर की संभावना

एसबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना की तीसरी लहर अगस्त महीने के आखिरी तक चरम पर होगी वहीं सितंबर में इस लहर के पीक पर होने की आशंका जताई जा रही है । साथ ही बताया जा रहा है कि यह दूसरी लहर के मुताबिक 1.7 गुना या 2 गुना पीक पर होकर प्रभावित कर सकता है। बहरहाल जुलाई के अंत तक कोरोना के मामले कम होने की बात कही जा रही है लेकिन यही मामले अगस्त में दूसरे हफ्ते से बढ़ने लगेंगे। तीसरी लहर से बचने के लिए सावधानी और वैक्सीनेशन दो ही उपाय बताए जा रहे हैं जबकि कोरोना के केसेस कम आने के बाद लोग लापरवाह होते जा रहे हैं और खुलेआम बाजारों और भीड़ वाले स्थानों पर धज्जियां उड़ती देखी जा रही हैं।

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