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ख़राब शिक्षा पद्धति के कारण ही हो रहा है समाज का पतन, राष्ट्र के विकास से पहले मानव विकास

by admin

आगरा। रविवार को आगरा कॉलेज आगरा में राष्ट्रीय शिक्षण मंडल ब्रज प्रांत का दो दिवसीय प्रांतीय बैठक की शुरुआत हुई। इस प्रांतीय बैठक का शुभारंभ समाज कल्याण राज्यमंत्री डॉ. जीएस धर्मेश और भारतीय शिक्षण मंडल के अखिल भारतीय सह संगठन मंत्री बी.आर शंकरानंद ने सरस्वती मां की प्रतिमा पर दीप प्रज्वलन के साथ किया।

प्रांतीय बैठक के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि राज्यमंत्री डॉ. धर्मेश ने अपने उद्बोधन में कहा कि आज हमारा देश तकनीकी रूप से बहुत स्मार्ट हो रहा है। अनेकों उद्योग धंधों का निर्माण हो रहा है परंतु आजकल के युवाओं में भारतीय मूल्यों पर आधारित चरित्र निर्माण की कमी दिखाई दे रही है। भारतीय शिक्षा के पुनरुत्थान के लिए प्राथमिक माध्यमिक व उच्च शिक्षा पद्धति मानवीय मूल्यों पर आधारित बनानी होगी। राज्यमंत्री ने शिक्षा के पुनरुत्थान के लिए शिक्षण मंडल के द्वारा चलाए जा रहे देशव्यापी अभियान की सराहना की।

इस दौरान भारतीय शिक्षण मंडल के अखिल भारतीय सह संगठन मंत्री बी.आर. शंकरानंद ने अपने उद्बोधन में कहा कि भारतीय शिक्षण मंडल राष्ट्र का पुनरुत्थान शिक्षा के माध्यम से करने के लिए कटिबद्ध है। केवल मनुष्य ही धरती पर एक मात्र प्राणी है जिसमें सोचने बाद कल्पना का स्वतंत्रता निहित है। इसकी वजह से भौतिक रूप से विश्व का बहुत विकास अनेकों क्षेत्र में जैसे विज्ञान, तकनीक, उद्योग, सेवा इत्यादि में तेजी के साथ हुआ है। राष्ट्र के पुनरुत्थान से पहले मनुष्य का मानसिक विकास होना चाहिए तभी राष्ट्र का विकास संभव है। विश्व में केवल भारतीय दर्शन है जो हमें सिखाता है कि प्रत्येक मनुष्य भगवान का अंश है, इसलिए हर एक मनुष्य को ईस्वर के रूप में देखा जाता है। भारतीय शिक्षा पद्धति है जो यह बताती कि हमारे सुखी होने के लिए संपूर्ण समाज का सुखी होना आवश्यक है। समाज में हो रहे पतन का कारण केवल खराब शिक्षा पद्धति है।

इस अवसर पर महात्मा ज्योतिबा फूले विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अनिल शुक्ला ने भी अपने विचार रखे। उनका कहना था कि आज आवश्यक है कि संस्कार युक्त शिक्षा को विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए। शिक्षा को संस्कार युक्त बनाया जाना उतना ही जरूरी है जैसे पतंग उड़ाने के लिए पतंग का डोर से बने रहना जरूरी है। वर्तमान युग में पढ़ाने के तौर तरीके व पाठ्यक्रमों में दी जा रही सामग्री में कोई तालमेल नहीं है जिससे समाज में अपेक्षित बदलाव नहीं हो पा रहा है।

इस अवसर पर ब्रज प्रांत भारतीय शिक्षा मंडल के सतीश डॉ निर्मला दीक्षित, प्रो मनोज श्रीवास्तव, प्रो बीबीएस परिहार, विजय तोमर, प्रदीप श्रीधर, केपी सिंह, बीएस यादव, नंदीश्वर शर्मा मौजूद आदि रहे।

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