Home » सीमा उपाध्याय के फतेहपुर सीकरी से नाम वापिस लेने पर बसपा में हड़कंप, पार्टी बदलने की भी चर्चा

सीमा उपाध्याय के फतेहपुर सीकरी से नाम वापिस लेने पर बसपा में हड़कंप, पार्टी बदलने की भी चर्चा

by pawan sharma

आगरा। सपा और बसपा का गठबंधन होने के बाद बसपा पार्टी की ओर से फतेहपुर सीकरी से पूर्व सांसद सीमा उपाध्याय को एक बार फिर प्रत्याशी बनाकर बसपा सुप्रीमो ने बड़ा दांव खेला था लेकिन इस लोकसभा प्रत्याशी को अपनी ही पार्टी पर अब भरोसा नहीं रहा है इसलिए इस प्रत्याशी ने चुनाव लड़ने से हाथ पीछे खींच लिए है।

फतेहपुर सीकरी लोकसभा प्रत्याशी सीमा उपाध्याय के चुनाव न लड़ने की अटकलों ने पार्टी नेताओं के हाथ पांव फुला दिए। आनन फानन में बसपा के जोनल कार्यलय पर एक आवश्यक बैठक बुलाई गई और इस पूरे मामले पर मंथन किया गया। सीमा उपाध्यय से चुनाव लड़ने के लिए दवाब भी बनाया गया लेकिन इस प्रत्याशी ने सिरे से नकार दिया। सीमा उपाध्याय की लोकसभा चुनाव न लड़ने की इच्छा के बाद कार्यालय पर इस सीट से किसे प्रत्याशी बनाया जाए इसको लेकर मंथन हुआ। बैठक में मौजूद पूर्व विधायक धर्मपाल सिंह, पूर्व मेयर प्रत्याशी दिगंबर सिंह धाकरे के साथ पार्टी नेता गंगाधर कुशवाह ने फतेहपुर सीकरी से चुनाव लड़ने की इच्छा जताई।

सूत्रों की माने तो आए दिन हाथी की सवारी छोड़कर दूसरे दलों में शामिल हो रहे पार्टी नेता व कार्यकर्ता और आगरा लोकसभा प्रत्याशी मनोज सोनी को लेकर पार्टी में चल रहे अंदरूनी कलह से सीमा उपाध्याय परेशान थी। क्योंकि संगठन पूरी तरह से उनके चुनाव प्रचार और बूथ को मजबूत करने पर ध्यान नही दे रहा था। इतना ही नहीं जानकारी के मुताबिक पिछले दिनों पूर्व मंत्री रामवीर उपाध्याय बसपा सुप्रीमो मायावती से मिले थे। उन्होंने फतेहपुर सीकरी से चुनाव नहीं लड़ने की इच्छा जाहिर करते हुए कहा कि उनके लिये हाथरस से अलीगढ़ नजदीक पड़ता है, इसलिये वे वहां से सीमा उपाध्याय को चुनाव लड़ाना चाहते हैं। बसपा सुप्रीमो मायावती ने उन्हें अलीगढ़ से टिकट देने के लिए इंकार कर दिया।

सीमा उपाध्याय के फतेहपुर सीकरी से चुनाव न लड़ने की खबर के बाद राजनैतिक गलियारों में सीमा उपाध्याय और रामवीर उपाध्याय के पार्टी बदलने और बीजेपी से चुनाव लड़ने की अटकलें शुरु हो गयी। व्हाट्स अप पर सीमा उपाध्याय के एटा और रामवीर के अलीगढ़ से लड़ने की चर्चाए सुर्खियां बन रही है।

फिलहाल गठबंधन के बाद भी बसपा के इस प्रत्याशी के चुनाव लड़ने से मना करने से पार्टी के साथ साथ इस गठबंधन की मुश्किलें बढ़ा दी है।

Related Articles

Leave a Comment