आगरा। डॉ भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के खंदारी परिसर स्थित जे.पी. सभागार में कुलपति प्रोफेसर अशोक मित्तल की अध्यक्षता में विद्या परिषद की आकस्मिक बैठक संपन्न हुई। इस बैठक में विद्या परिषद और परीक्षा समिति द्वारा रखे गए ऐसे प्रस्तावों को स्वीकृति दी गई जिससे कहीं ना कहीं छात्र हित जुड़ा हुआ था। इन प्रस्तावों में नए कोर्स की शुरुआत करने, B.ed और एलएलबी के छात्रों को अपना कोर्स पूरा करने और एक या दो परीक्षा में अनुत्तीर्ण छात्रों को उत्तीर्ण होने के लिए अंतिम अवसर प्रदान करना आदि शामिल हैं।
बैठक में सर्व सम्मति से लिये गए ये निर्णय –
1- बीए, बी.एससी के अंतिम वर्ष में दो के स्थान पर तीन विषय लिए जाने के परीक्षा समिति के प्रस्ताव पर मुहर लगाई गई और इसके लिए विश्वविद्यालय के अधिनियम में तदनुरूप संशोधन किए जाने का प्रस्ताव स्वीकृत किया गया। यह बहुत महत्वपूर्ण निर्णय था और अंतिम वर्ष में दो विषय किए जाने के कारण निरंतर छात्र संख्या में गिरावट हो रही थी।
2- एमडी यूनानी मेडिसिन में एक विषय का नाम परिवर्तन किया गया जो 2017-18 सत्र से लागू माना जाएगा।
3- धर्म समाज कॉलेज अलीगढ़ द्वारा वर्तमान सत्र से प्रारंभ किए जाने वाले दो नए पाठ्यक्रमों को अनुमोदन प्रदान किया गया, जिनके नाम हैं बी वॉक इन इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी और एडवांस डिप्लोमा इन हेल्थकेयर।
4- जंतु विज्ञान विभाग और वनस्पति विज्ञान विभाग की अकादमिक समिति की संस्तुतियों को अनुमोदन प्रदान किया गया जिसमें एम.फिल. के विद्यार्थियों के विषय स्वीकृत किए गए थे।
इसके अलावा 23 सितंबर 2020 की परीक्षा समिति की संस्तुतियों को अनुमोदन प्रदान किया गया जिसमें प्रमुख रूप से निम्न निर्णय लिए गए थे-
1- एलएलबी पाठ्यक्रम उत्तीर्ण करने की अधिकतम समय सीमा 6 वर्ष है और बीए एलएलबी पाठ्यक्रम उत्तीर्ण करने की अधिकतम समय सीमा 8 वर्ष है। इन दोनों पाठ्यक्रमों के वह छात्र जिनके पाठ्यक्रम की अधिकतम सीमा समाप्त हो चुकी है अथवा वर्ष 2020 में पूर्ण हो रही है परंतु उनकी डिग्री अधिकतम 3 प्रश्न पत्रों में अनुत्तीर्ण होने के कारण अपूर्ण है। ऐसे समस्त छात्रों को पुनः परीक्षा का एक विशेष अवसर प्रदान किया जाएगा, जिससे वे अपने पाठ्यक्रम को पूर्ण कर सकें।
2- वर्ष 2015 से दो वर्षीय बी.एड. पाठ्यक्रम प्रारंभ किया गया था जिसे उत्तीर्ण करने की अधिकतम समय सीमा 3 वर्ष है, परंतु ऐसे छात्र-छात्राएं जिनकी 3 वर्ष की अधिकतम सीमा समाप्त हो चुकी है परंतु बी.एड. प्रथम वर्ष की अथवा बी.एड. द्वितीय वर्ष की पुनः परीक्षा अथवा भूतपूर्व छात्र के रूप में अधिकतम दो प्रश्न पत्रों में अनुत्तीर्ण होने के कारण उनकी डिग्री अपूर्ण रह गई है, ऐसे सभी छात्रों को भी पुनः परीक्षा का एक अवसर प्रदान किया जाएगा और वर्ष 2020 में ही द्वितीय वर्ष की परीक्षा हेतु उनके फॉर्म भरवाए जाएंगे।
3- इसी प्रकार सेमेस्टर परीक्षा से संबंधित पाठ्यक्रम जैसे बीबीए, बीसीए इत्यादि में वह छात्र जिनके पाठ्यक्रम की अधिकतम समय सीमा समाप्त हो चुकी है परंतु किसी एक सेमेस्टर की परीक्षा में एक या दो प्रश्न पत्र की परीक्षा में अनुत्तीर्ण होने के कारण उनकी डिग्री अपूर्ण है, ऐसे विद्यार्थियों को भी पुनः परीक्षा का एक अंतिम अवसर प्रदान किया जाएगा।
मुख्य परीक्षा 2020 की अंतिम वर्ष की अवशेष परीक्षाओं हेतु नोडल केंद्रों और परीक्षा केंद्रों का अनुमोदन किया गया।
बैठक में कुलसचिव डॉ अंजनी कुमार मिश्रा, परीक्षा नियंत्रक डॉ राजीव कुमार, प्रोफेसर यू सी शर्मा, प्रोफेसर अजय तनेजा, प्रोफेसर प्रदीप श्रीधर, प्रोफेसर अनिल वर्मा, प्रोफेसर बिंदु शेखर शर्मा, प्रोफेसर बी पी सिंह, प्रोफेसर मनोज उपाध्याय, प्रोफेसर दीपमाला श्रीवास्तव, डॉ निर्मला यादव, डॉ हेम प्रकाश, डॉ विपिन अग्रवाल आदि उपस्थित रहे।