Agra. स्कूल प्रशासन की मनमानी से परेशान होकर कक्षा 10वीं की होनहार छात्रा स्मृति अवस्थी ने आत्महत्या कर ली। स्कूल पर आरोप है कि आधी फीस जमा होने पर भी उसे कक्षा और परीक्षा में शामिल नहीं होने दिया गया। छात्रा ने प्रधानाचार्य से भी गुहार लगाई लेकिन उन्होंने भी छात्रा की पढ़ाई के प्रति ललक नहीं देखी और उसे स्कूल से भगा दिया जिससे आहत होकर छात्रा ने विषाक्त पदार्थ खाकर अपने जीवन को समाप्त कर लिया। इस घटना के विरोध में प्रोग्रेसिव आगरा पेरेंट्स एसोसिएशन (पापा) ने छात्रा स्मृति अवस्थी को श्रद्धांजलि देने के लिए संजय प्लेस स्थित शहीद स्मारक पर शोक सभा आयोजित की। पापा संस्था के सभी पदाधिकारियों ने मोमबत्ती जलाकर छात्रा को श्रद्धांजलि दी और 2 मिनट का मौन धारण कर प्रभु से उसकी आत्मा को शांति के लिए प्रार्थना की। इस दौरान पापा संस्था के पदाधिकारियों ने स्कूल प्रशासन के खिलाफ भी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की।
घटना उन्नाव में एबीनगर की है। छात्रा सरस्वती विद्या मंदिर में कक्षा दसवीं में पढ़ती थी। मौजूद समय ऑनलाइन क्लॉस होने से घर पर ही रहती थी। परिजनों के मुताबिक लॉकडाउन की वजह से उसकी स्कूल फीस नहीं जमा हो सकी थी। फीस जमा न होने पर स्कूल ने से ऑनलाइन पढ़ाई बंद कर दी थी। फीस माफी का प्रार्थनापत्र लेकर गुरुवार को बेटी स्कूल पहुंची तो उसे प्रधानाचार्य सत्येंद्र शुक्ला ने बेइज्जत किया। त्रैमासिक परीक्षा भी नहीं देने दी। छात्रा के लाख मिन्नतें करने पर भी जब भी वे नहीं माने, साथ ही छात्र-छात्राओं के सामने बेइज्जत होने से वह काफी आहत हुई और रोते हुए घर पहुंची। आहत होकर बेहोश हो गई, कुछ ही देर में उसने दम तोड़ दिया।
संस्था के राष्ट्रीय संयोजक दीपक सिंह सरीन ने बताया कि स्मृति की मां और पिता सुशील अवस्थी इस सदमे से उबर नहीं पा रहे। चाचा राजाराम अवस्थी ने उन्हें बताया कि स्कूल प्रबंधक रसूखदार है, इसलिए उन्हें आशंका है कि न्याय मिलना मुश्किल होगा। लिहाजा संस्था सदस्य जल्द ही उन्नाव जाकर इस मामले में जिलाधिकारी और शिक्षा विभाग से संपर्क कर स्कूल प्रधानाचार्य पर कार्रवाई और स्कूल की मान्यता रद्द करने संबंधित कार्रवाई की मांग करेंगे।
टीम पापा के सदस्य कपिल उप्पल का कहना है कि ऐसा लगता है कि जैसे स्कूल प्रशासन के अंदर की संवेदनाएं मिट गई है। इसलिए तो एक होनहार छात्रा ने स्कूल प्रशासन की मनमानी से हार कर अपनी जान दे दी। उसका कसूर क्या था कि उसका पिता मजदूर है और लॉकडाउन व कोरोना संक्रमण के करण आर्थिक स्थिति खराब होने पर वो स्कूल की फीस नही दे पाई। एपलीकेशन देकर गुहार भी लगाई लेलिन स्कूल की प्रधानाचार्य उसे बेइज्जत करके भगा दिया। ऐसे स्कूल प्रशासन के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए
शोक सभा में सैकड़ों अभिभावकों ने मोमबत्ती जलाकर स्मृति को श्रद्धांजलि दी। विवेक रायजादा, सुमित सक्सेना, एमएस पवार, डा. वेदांत, मोहित अग्रवाल, राकेश चावला, अभय मेहरा, गौरव अरोड़ा आदि मौजूद रहे।