आगरा। साइड न मिलने पर हरियाणा का एक पुलिस कर्मी आक्रोशित हो उठा, वह अपनी कार से उतरा और आगरा रोडवेज बस के ड्राइवर को बुरी तरह से पीट दिया। इस घटना में रोडवेज बस के चालक का पैर टूट गया। पीड़ित बस चालक ने इस घटना की सूचना अपने डिपो के एआरएम को दी लेकिन कोई प्रतिक्रिया व मदद न मिलने पर चालक ने परिचालक की मदद से क्षेत्र के सरकारी हॉस्पिटल में जांच कराई और आरोपी पुलिस कर्मी के खिलाफ क्षेत्रीय थाने में शिकायत दर्ज कराई। पीड़ित चालक प्राथमिक उपचार लेकर आगरा लौटा और उसके परिजनों ने उसे इलाज के लिए निजि अस्पताल में भर्ती कराया जहाँ उसके पैर का ऑपेरशन होना है।
घटना 22 मार्च दिन सोमवार की है। आगरा फोर्ट का चालक जिसका नाम सुभाष पाठक है वह UP 77 AN 2215 नंबर की बस लेकर गुड़गांव के लिए लेकर रवाना हुआ था। पलवल पार करने के दौरान आगरा चौक के पास जाम लगा हुआ था, तभी पीछे से हरियाणा का एक पुलिसकर्मी जो अपनी चार पहिया वाहन गाड़ी में सवार था, साइड के लिए हॉर्न दे रहा था लेकिन जाम होने के कारण बस चालक उसे साइड नहीं दे पाया। आगे जाकर उसने साइड तो पुलिसकर्मी ने ओवरटेक करते हुए गाड़ी को बस के आगे लगा दिया और गाड़ी रोक कर बस चालक के साथ मारपीट कर दी जिसमें उसका पैर टूट गया। बस चालक के साथ हुई अभद्रता और मारपीट घटनाक्रम की वीडियो बस के परिचालक ने बनाई जिसमें हरियाणा का पुलिस कर्मी बस चालक के साथ गाली गलौज करता हुआ दिखाई दे रहा है।
इस दौरान रोडवेज बस का चालक बेहोश हो गया जिसे परिचालक द्वारा वहां के सरकारी अस्पताल में दिखाया गया। पलवल के सरकारी अस्पताल में उसका पैर का मेडिकल भी हुआ जिसमें पैर टूटने की पुष्टि हुई है। रोडवेज बस के चालक ने बताया कि वह अपनी साइड पर गाड़ी चला रहा था, आगरा चौक पर जाम की स्थिति थी लेकिन पीछे आ रही छोटी चार पहिया वाहन में सवार पुलिसकर्मी कार ओवरटेक करने का प्रयास कर रहा था
जाम के कारण साइड ना मिलने पर वह आग बबूला हो गया और गाड़ी से उतरकर उसने मारपीट कर दी और पैर बुरी तरह से मोड़ दिया।
हरियाणा का पुलिस कार HR30 Q 5556 में सवार था और पूरे घटनाक्रम को अंजाम देकर इसी गाड़ी से फरार हो गया। पीड़ित ने गाड़ी के नंबर के आधार पर आरोपी पुलिसकर्मी के खिलाफ पलवल थाने में तहरीर दी है तो वहीं पीड़ित को इलाज के लिए आगरा के ही एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
इस घटना में आगरा फोर्ट डिपो के क्षेत्रीय प्रबंधक द्वारा कोई कार्यवाही और मदद ना किए जाने से उत्तर प्रदेश रोडवेज इंप्लाइज यूनियन के पदाधिकारियों में रोष व्याप्त है। उनका कहना है कि जब चालक परिचालक ने इस घटना से अवगत कराया तो अधिकारियों को सख्त कदम उठाना चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अधिकारियों की इस कार्यशैली से एक बड़ा सवाल खड़ा होने लगा है कि अगर बस का चालक परिचालक सड़क पर किसी मुसीबत में होगा तो अधिकारी किसी की मदद नहीं करेंगे।
फिलहाल उत्तर प्रदेश रोडवेज एंप्लाइज यूनियन के प्रमोद श्रीवास्तव इस मामले में आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई और पीड़ित बस चालक को आर्थिक मदद किए जाने की मांग की है।