आगरा। मार्च 2020 से कोरोना वायरस की वजह से विद्यालय बंद चल रहे हैं, जिसके कारण स्कूलों में शिक्षकों के वेतन, बिजली बिल, छात्रों की शिक्षा आदि की समस्या उत्पन्न हो गई है। इसी को दृष्टिगत रखते हुए भारतीय शैक्षणिक संगठन, उत्तर प्रदेश के एक प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को पंचकुइयां स्थित जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय पहुंच कर जिला विद्यालय निरीक्षक रवींद्र सिंह को स्कूलों की समस्याओं के समाधान के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन दिया।
ज्ञापन में यह मांगें रखी गईं –
- यूपी बोर्ड के बोर्ड परीक्षा शुल्क जमा करने की अंतिम तिथि बढ़ाई जाए।
- यूपी बोर्ड के बोर्ड परीक्षा शुल्क को कोरोना वायरस को ध्यान में रखते हुए कम किया जाए।
- 15 मार्च 2020 से छात्रों के लिए विद्यालय बंद चल रहे हैं जिसके कारण छात्रों से फीस न ले पाने के कारण विभिन्न स्कूलों के शिक्षकों का वेतन नहीं मिल पा रहा है, कोरोना वायरस को ध्यान में रखते हुए वित्तविहीन विद्यालयों के शिक्षकों को ₹10000 महीना आर्थिक सहयोग उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा दिया जाए।
- वित्तविहीन स्कूलों का कोरोना लोक डाउन के समय का बिजली का बिल माफ किया जाए।
- सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए स्कूलों में छात्रों को शिक्षा के लिए आने की अनुमति दी जाए जिससे स्कूल व्यवस्थित ढंग से संचालित हो सके।
भारतीय शैक्षणिक संगठन उत्तर प्रदेश के पदाधिकारियों का कहना है कि इस समय सबसे ज्यादा समस्या वित्तविहीन स्कूलों के अध्यापकों की है क्योंकि स्कूल शुरु न होने से शिक्षकों को वेतन नहीं मिल पा रहा है जिनके सामने रोजीरोटी का संकट खड़ा हो गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम ज्ञापन सौंप सरकार से वित्तविहीन स्कूलों की मदद के लिए कदम उठाने की मांग की है।
इस मौके पर भारतीय शैक्षणिक संगठन आगरा अध्यक्ष डॉ. आकाश अग्रवाल, पृथ्वीराज लोधी, नेत्रपाल सिंह चौहान, महेश त्यागी, सुभाष मुद्गल, सचिन शर्मा, शैलेंद्र तिवारी, संदीप मुखिया, पवन शर्मा, राजीव शर्मा, राजेंद्र सिंह सहित विभिन्न स्कूलों के प्रबंधक, प्रधानाचार्य और शिक्षक शामिल रहे।