आगरा। अंत्योदय एक्सप्रेस के कोच न. एस-7 में एक नवजात बच्चे की रोने की आवाज ने सभी यात्रियों को हिलाकर रख दिया। यात्री अपने आसपास देखने लगे लेकिन किसी के पास कोई नवजात नही मिला। यात्रियों ने कोच के अंदर साइड से रखे थैले को खोलकर देखा तो सभी के होश उड़ गए। थैले में एक नवजात बच्चा था जो रो रहा था। यात्रियों ने बच्चे को बाहर निकाला तो वह नवजात बच्ची निकली और यात्री समझ गए कि आखिरकार यह बच्ची थैले में क्यो है। यात्रियों ने सफर के दौरान थैले में नवजात बच्ची के मिलने की सूचना रेलवे अधिकारियों को दी। घटना की सूचना मिलते ही जीआरपी अछनेरा मौके पर पहुँच गयी। जीआरपी ने बच्ची को अपने सुपुर्द लिया और इसकी जानकारी चाइल्ड लाइन संस्था को दी।
चाइल्ड लाइन संस्था ने बच्ची को अपने सुपुर्द लिए और किरावली के सरकारी अस्पताल में उस बच्ची का स्वास्थ्य परीक्षण कराया। चिकित्सक ने बच्ची को पूरी तरह तंदुरुस्त बताया। इस मामले को लेकर चाइल्ड लाइन के पदाधिकारियों ने बाल कल्याण समिति से संपर्क साधा और समिति के आदेश पर राजकीय बाल (शिशु) गृह आगरा में बच्ची को आश्रय प्रदान कराया।
चाइल्ड लाइन संस्था ने बताया कि नवजात बच्ची लगभग 20 दिनों की है जिसे अंत्योदय एक्सप्रेस के कोच न. एस-7 में कोई छोड़कर चला गया है। यह बच्ची एक थैले में मिली जिसकी जानकारी खुद यात्रियों ने दी। फिलहाल चाइल्ड लाइन का कहना है कि इस बच्ची के बारे में पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है लेकिन एक बात साफ़ है कि आज भी लोग बच्ची के पैदा होने पर गर्व नही बल्कि बोझ समझते है।