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हिसंक हुआ दलित समाज का प्रदर्शन, पथराव, मारपीट और तोड़फोड़

by admin

आगरा। पिछले दिनों एससी एसटी एक्ट में सर्वोच्च न्यायालय ने जो आदेश दिया था उसके विरोध में दलित समाज के तमाम संगठनों की ओर से 2 अप्रैल को बुलाए गए बंद का नजारा हिंसात्मक रूप में देखने को मिला।

सोमवार को भारत बंद को सफल बनाने के लिए दलित समाज के तमाम संगठनों के पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं के साथ साथ समाज के लोग सड़कों पर उतर आए। शहर के बाजारों को जबरजस्ती बंद कराया गया और जिन लोगों ने दुकानें बंद नहीं की उनकी दुकानों में जमकर तोड़फोड़ का नजारा देखने को मिला।

दलित समाज के लोगों ने दुकानों के जबरदस्ती शटर गिरा है और जो दुकानदार दुकान बंद करने को राजी नहीं था तो उसमें तोड़फोड़ कर दी। इतना ही नहीं कुछ जगह पर तो जमकर पथराव भी हुआ।

ऐसा ही कुछ नजारा खेरिया मोड़ चौराहे पर भी देखने को मिले। शहर के अन्य स्थान भी हिंसक प्रदर्शन से अछूते नजर नहीं आए। इस प्रदर्शन के दौरान दुकानदारों के साथ-साथ आम जनमानस को भी चोट आई। पथराव में कई लोग घायल हो गए लेकिन दलित समाज के लोग फिर भी पीछे नहीं हटे। शहर के तमाम मुख्य मार्गों पर जाम लगा दिया। भारी तादाद में एकत्रित हुए दलित समाज कोई कुछ नहीं कह पाया।

आनन-फानन में लोगों ने अपनी दुकानों के शटर गिरा दिए और क्षेत्रीय पुलिस को भी पथराव व मारपीट की सूचना दी गई। पुलिस मौके पर पहुंची लेकिन कोई ठोस कदम प्रदर्शनकारियों के खिलाफ नहीं उठा पाई। आम जनमानस का कहना था कि प्रदर्शनकारी जबरजस्ती मार्केट बंद कराया और और ऐसा ना करने पर पथराव कर दिया जिससे कई लोग घायल हो गए हैं।

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